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जयपुर: राजस्थान में कांग्रेस सरकार में विभागों के बंटवारे से जुड़ी खींचतान की खबरें थीं, मगर अब उस पर सहमति बनती दिख रही है। राजस्थान सरकार के विभागों का बंटवारा हो गया है और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 9 विभाग अपने पास रखे हैं, वहीं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पांच विभाग मिले हैं। बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस ने भाजपा को हराकर सत्ता हासिल की है। इससे पहले वसुंधरा राजे के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी। 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त विभाग, आबकारी विभाग, आयोजना विभाग, नीति आयोजना विभाग, कार्मिक विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, राजस्थान राज्य अन्वेषण ब्यूरो, सूचना प्रौद्योगिकि एवं संचार विभाग और गृह मामलात और न्याय विभाग अपने पास रखे हैं। वहीं, डीप्टी सीएम सचिन पायलट के हिस्से में सार्वजनिक निर्माण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज विभाग, विज्ञान और प्रदौगिकी विभाग और सांख्यिकी विभाग गया है। इन दोनों के अलावे 17 मंत्रियों के विभाग का भी बंटवारा हो गया है।

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कैबिनेट का आज गठन हो गया। साथी दल के इकलौते विधायक, भरतपुर के पूर्व महाराजा और एक दर्जन से ज्यादा विधायक पहली बार मंत्री पद की शपथ ली। मंत्री पद के लिए नाम तय करने के दौरान 2019 लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखा गया है। इसमें जातीय समीकरण और साथी दलों को साधने की विशेष तौर पर कोशिश की गई है। अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री और सचिन पायलट के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के एक सप्ताह बाद आज 23 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है।

कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 99 सीटों पर जीत हासिल की थी। अजीत सिंह के पार्टी राष्ट्रीय लोकदल के इकलौते विधायक सुभाष गर्ग के समर्थन से बहुमत तक पहुंची थी। गर्ग को कैबिनेट मंत्री का पद दिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रायशुमारी से बनाए गए मंत्रीमंडल में अनुभवी और नए चेहरे दोनों को जगह दी गई है। कुछ पूर्व मंत्रियों को भी शामिल किया गया है, लेकिन पहली बार बने विधायकों को इसमें नहीं रखा गया। अगले साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इसमें जातीय समीकरण और साथी दलों को साधने की कोशिश की गई है।

जयपुर: राजस्थान में नवगठित अशोक गहलोत सरकार के 23 विधायक सोमवार को मंत्री पद की शपथ लेंगे। मंत्री बनाए जा रहे विधायकों में 22 कांग्रेस के और एक राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) का है। बता दें कि 17 दिसंबर को गहलोत के साथ केवल सचिन पायलट ने मंत्री पद की शपथ ली थी, जिन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। राजभवन में सोमवार को मंत्रिमंडल शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। इससे पहले नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और वरिष्ठ नेताओं के साथ गहलोत व पायलट ने कई दौर की बातचीत की। इसके बाद रविवार को ही नामों पर अंतिम मुहर लगी है।

पार्टी के एक नेता ने बताया कि सोमवार को होने वाले मंत्रिमडल के गठन में कांग्रेस के 22 विधायकों और पार्टी के गठबंधन सहयोगी रालोद के एक विधायक को शपथ दिलाई जाएगी। जिन विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी, उनके नाम हैं बी डी कल्ला, रघु शर्मा, शांति धारीवाल, लालचंद कटारिया, प्रमोद जैन भाया, परसादी लाल मीणा, विश्वेन्द्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश चंद्र मीणा, भंवर लाल मेघवाल, प्रताप सिंह खाचरियावास, उदय लाल अंजाना, सालेह मोहम्मद, और गोविंद सिंह डोटासरा।

उदयपुर: हिन्दुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के अध्यक्ष आर. माधवन ने राफेल विमानों के सौदे का बचाव किया। उन्होंने कहा कि 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा विमानों की जरूरत के कारण किया गया है और इतनी संख्या में विमान भारत में बनाने का सवाल ही नहीं उठता।

राजस्थान के उदयपुर में एक कार्यक्रम में भाग लेने आए माधवन ने संवाददाताओं के सवाल के जवाब कहा, ''जब (शुरू में) राफेल की बात चल रही थी तो एचएएल सक्षम था। लेकिन सरकार ने जल्द से जल्द उसे हासिल करने की आवश्यकता को देखते हुए 36 विमान खरीदने का सौदा किया। 36 विमानों को यहां पर बनाने का सवाल ही नहीं उठता है। यदि पहले की भांति होता तो कुछ विमान हम खरीदते, कुछ यहां पर बनाते। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चूंकि मौजूदा सौदे में एचएएल नहीं है इसलिए वे इस बारे में और कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। इससे पहले उन्होंने यहां 33वीं इंडियन इंजीनियरिंग कांग्रेस को संबोधित किया।

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