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जयपुर: कोरोना लॉकडाउन के दौरान क्वारंटाइन में समय बिताना अधिकतर लोगों के लिए आसान नहीं होता और कुछ के लिए यह मुसीबत की तरह है। क्वारंटाइन के दौरान देश के कई हिस्सों से लोगों के क्वारंटाइन सेंटर से भागने की खबर आई तो कुछ लोग क्वारंटाइन होने के डर से एयरपोर्ट पर किसी तरह निकल आए तो किसी ने अस्पताल से ही छलांग लगा दी। लेकिन, राजस्थान के सीकर में प्रवासी मजदूरों ने क्वारंटाइन के दौरान जो नजीर पेश की वह तारीफ के योग्य है। इन लोगों ने बिना किसी चार्ज के क्वारंटाइन के दौरान स्कूल को पेंट कर दिया।

पलसाना कस्बे के शहीद सीताराम कुमावत और सेठ केएल ताम्बी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के 54 मजदूर ठहरे हुए हैं। ये सभी लोग पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं और इनका क्वारंटाइन टाइम भी पूरा हो गया है। केन्द्र में ठहरे मजदूरों ने बताया कि क्वारंटाइन के दौरान सरपंच और गांव के दानदाताओं ने उनके रहने के लिए बहुत ही बढ़िया व्यवस्था की थी। वे इस व्यवस्था से इतना खुश थे कि बदले में गांव के लिए कुछ करना चाहते थे और इसी सोच में उन्होंने स्कूल के रंग रोगन का काम शुरू कर दिया।

उन्होंने बीते शुक्रवार को सरपंच से रंग-रोगन का सामान लाकर देने की मांग की। सरपंच और विद्यालय कर्मियों की ओर से सामग्री उपलब्ध कराने के बाद मजूदरों ने विद्यालय में रंगाई पुताई कर स्कूल को ऐसा चमका दिया कि प्रशासन भी तारीफ किए बिना नहीं रह सका। हाल ही में शिविर का निरीक्षण करने के लिए आए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव जगत सिंह पंवार ने भी पृथक केन्द्र यानि स्कूल को देखा तो प्रभावित हुए। उन्होंने केन्द्र में ठहरे लोगों से काफी देर तक चर्चा भी की। पंवार ने मजदूरों के विचार सुनकर उनकी तारीफ की और कहा कि उनका यह कार्य अन्य केन्द्रों के लिए 'रोल मॉडल है।

पलसाना के सरपंच रूप सिंह शेखावत ने बताया कि मजदूरों के व्यवहार से पूरा गांव अभिभूत है। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पलसाना के प्रधानाचार्य राजेन्द्र मीणा ने बताया कि विद्यालय में पिछले नौ साल से रंग-रोगन का काम नहीं हुआ था। सभी शिक्षकों ने रंग रोगन का सामान लाने के लिए आर्थिक योगदान भी दिया। और भी सराहनीय बात यह रही कि यहां ठहरे मजदूरों ने स्कूल में रंग रोगन करने के लिए कोई मजदूरी भी नहीं ली।

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में कोरोना वायरस से 1,659 लोग संक्रमित हैं और यह प्रदेश देश में सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में शामिल है।

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