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जयपुर: कांग्रेस से बागी हुए सचिन पायलट की पार्टी में वापसी के साथ ही पिछले एक महीने से राजस्थान में जारी सियासी संकट आखिरकार समाप्त हो गया है। वहीं, आज कांग्रेस की बैठक हो रही है। दूसरी तरफ, कांग्रेस से सुलह के तीन दिन बाद आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की मुलाकात हुई। उधर, भाजपा की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी शामिल हुईं। इस बीच भाजपा ने साफ कर दिया कि वह कल यानी शुक्रवार को गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।

विधायक दल की बैठक में कांग्रेस विधायक शामिल हुए

कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत से उनके आवास पर मुलाकात की। राजस्थान में कल से विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो रहा है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सीएम अशोक गहलोत, सचिन पायलट, कांग्रेस के संगठन महासचिव और राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे, केसी वेणुगोपाल, कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला मौजूद हैं।

जयपुर (जनादेश ब्यूरो): कांग्रेस से बागी हुए सचिन पायलट की पार्टी में वापसी के साथ ही पिछले एक महीने से राजस्थान में जारी सियासी संकट आखिरकार समाप्त हो गया है। वहीं, आज कांग्रेस की बैठक हो रही है। वहीं, भाजपा की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी शामिल हुई हैं। दूसरी तरफ, कांग्रेस से सुलह के तीन दिन बाद आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का बैठक में आमना-सामना होगा।

जो भी हुआ उसे भूलने की जरूरत: सीएम गहलोत

सचिन पायलट और बागी विधायकों के पार्टी में लौटने को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि पिछले एक महीने में पार्टी में जो भी गलतफहमी हुई है, हमें देश, राज्य, लोगों और लोकतंत्र के हित को देखते हुए उसे भूलने की जरूरत है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, जिनके खिलाफ पायलट ने बगावत की थी और उन्होंने भी पायलट को खूब खरी-खोटी सुनाई थी, वह भी अब कह रहे हैं कि वह पायलट खेमे की ओर से उठाई गई शिकायतों को सुनेंगे।

जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी ड्रामे के खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि अब विधायकों को 'फोरगेट एंड फोरगिव' के रास्ते पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के हित में, प्रदेश के हित, प्रदेशवासियों के हित में, डेमोक्रेसी के हित में 'अब भूलो और माफ करो और आगे बढ़ो के रास्ते पर चलना है। उन्होंने कहा कि 'यह डेमोक्रेसी को बचाने की लड़ाई है। ऐसे में सभी भूलो और माफ करो की स्थिति में रहें।' उधर इससे पहले सचिन पायलट के समर्थक विधायक विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि यह टेस्ट मैच था, जो ड्रॉ हो चुका है। उन्होंने कहा, 'हम बागी नहीं हैं। हमने पार्टी के खिलाफ कुछ नहीं कहा था। मैंने मजाकिया तौर पर कहा था कि यह एक टेस्ट मैच है। अब मैच ड्रॉ हो चुका है और हम अब फिर पवेलियन में लौट आए हैं।'

अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 'यह लड़ाई डेमोक्रेसी के हित में है। इसमें हमारे विधायकों ने इतना साथ दिया। 100 से ज्यादा विधायकों का एक साथ इतने लंबे समय के लिए रुकना, ऐसा हिंदुस्तान के इतिहास में कभी नहीं हुआ होगा। यह डेमोक्रेसी को बचाने की लड़ाई है। आगे भी जारी रहेगी हमारी लड़ाई।'

जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर जमकर निशाना साधा गया। कांग्रेस नेताओं की तरफ से पायलट पर विधायकों को तोड़ने और सरकार गिराने का आरोप लगाया गया। वहीं, इन आरोपों पर सचिन पायलट ने कहा कि वह इस तरह के बयानों से आहत हैं। साथ ही कहा कि उन्होंने पार्टी से पद की कोई मांग नहीं की है। 

सचिन पायलट ने कहा, मुझे लेकर जिस तरह के शब्दों का प्रयोग किया गया, उससे मैं काफी दुखी हूं। मुझे लगता है कि हमें भूल जाना चाहिए कि क्या कहा गया था। राजनीति में बातचीत का स्तर बना रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी के भीतर व्यक्तिगत वैमनस्य की भावना नहीं होनी चाहिए। सभी को मुद्दों और नीति के आधार पर काम करना चाहिए। 

पायलट ने कहा, हमने पार्टी या पार्टी नेतृत्व के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला, ना ही कुछ किया। कई लोगों ने कई अफवाहें फैलाईं और कई सवाल उठाए लेकिन हम उस स्टैंड पर कायम हैं जो हमने 30 दिन पहले लिया था।

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