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करौली (राजस्थान): राजस्थान के करौली में एक मंदिर के पुजारी को जिंदा जलाने का मामला सामने आया है। पुजारी पर पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की कोशिश की गई, वहीं इलाज के दौरान अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने मुख्य आरोपी कैलाश मीणा को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन इस मामले पर अब राजनीति शुरू हो गई है।

एसपी मृदुला कछवा के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक दोनों पक्षों में मंदिर जमीन को लेकर विवाद था। पुलिस के मुताबिक पुजारी बाबूलाल वैष्णव ने बताया कि मेरा परिवार 15 बीघा मंदिर की जमीन पर खेती करता था। इस पर आरोपी कैलाश, शंकर और नमो मीणा ने कब्जा कर लिया।

पूरे मामले में पुलिस ने अलग-अलग टीम बनाकर आरोपियों की तलाश शुरू की और जल्द से जल्द उन्हें गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। वहीं पुलिस टीम ने 24 घंटे में मुख्य आरोपी कैलाश मीणा निवासी बूकना थाना सपोटरा को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी आरोपियों की तलाश अभी भी जारी है।

जयपुर: राजस्थान में दुष्कर्म की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। अभी बारां का मामला ठंडा भी नहीं हुआ है कि राज्य में एक और दुष्कर्म की घटना सामने आई है। ताजा मामला चूरू जिले का है, जहां 19 वर्षीय युवती को अगवा कर आरोपियों ने सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। 

बताया गया है कि सामूहिक दुष्कर्म की इस घटना में नौ आरोपी शामिल हैं। पुलिस ने इनके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मिली जानकारी के अनुसार, आरोपियों ने पीड़िता को अगवा कर आठ दिनों तक उसके साथ अलग-अलग जगहों पर ले जाकर दुष्कर्म के जघन्य अपराध को अंजाम दिया।आरोपियों ने 8 दिनों तक पीड़िता को चूरू के राजगढ़, जयपुर और सीकर के नीमकाथाना में बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म किया।

पीड़िता के रिपोर्ट पर पुलिस ने विक्रम पूनिया, देवेंद्र पूनिया, बंटी, राहुल, शुभम, हेमंत, मुकेश गुर्जर और दो अन्य के खिलाफ आईपीसी की संगीन धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। फिलहाल, पुलिस ने पीड़िता की राजगढ़ के राजकीय अस्पताल में चिकित्सा जांच करवाई है। 

जयपुर: राजस्थान के बारां की दो नाबालिग बहनों से गैंग रेप की हाथरस की घटना से तुलना पर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह दु्र्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि लड़कियों ने खुद मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयानों में अपने साथ ज्यादती नहीं होने और मर्जी से लड़कों के साथ घूमने जाने की बात कही है। हालांकि, लड़कियों के परिवार वालों का कहना है कि 18 से 21 सितंबर तक युवक दोनों को कोटा, जयपुर और अजमेर ले गए और गैंग रेप की घटना को अंजाम दिया। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। उनके मुताबिक, पुलिस ने लड़कों को तो छोड़ दिया, वहीं लड़कियों को सखी केंद्र भेज दिया। 

इस पूरे मामले में सफाई देते हुए सीएम गहलोत ने कहा, "हाथरस में हुई घटना बेहद निंदनीय है, उसकी जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। दुर्भाग्य से राजस्थान के बारां में हुई घटना की हाथरस की घटना से तुलना की जा रही है। घटना होना एक बात है और कार्रवाई होना दूसरी, घटना हुई तो कार्रवाई भी तत्काल हुई।

डूंगरपुर: राजस्थान में शिक्षक भर्ती में अनारक्षित पदों को एसटी उम्मीदवारों से भरने की मांग को लेकर लगातार चौथे दिन भी हिंसक प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारियों ने उदयपुर के खेरवाड़ा में पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया है। यहां से वे सारी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। दूसरी तरफ अधिकारियों ने आदिवासी जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की। वहीं खेरवाड़ा में हुई फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई। आंदोलनकारियों ने संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और वाहनों में आग लगा दी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को रबड़ की गोलियां दागनी पड़ी। इसी बीच राज्य सरकार ने केंद्र से रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की मांग की है।

राज्य के जिले में गुरुवार को उस समय हिंसा भड़क गई जब शिक्षकों की भर्ती परीक्षा -2018 के उम्मीदवारों ने उदयपुर-अहमदाबाद राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, पुलिस पर पथराव किया, संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। प्रदर्शनकारी 1,167 सामान्य रिक्त पदों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) उम्मीदवारों से भरने की मांग कर रहे हैं। हिंसा शुक्रवार को भी जारी रही और शनिवार को भी हिंसक घटनाएं हुई थीं।

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