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जयपुर: राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 20 अगस्त से प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में इंदिरा रसोई योजना शुरू करने के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने कहा, राज्य सरकार पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के महान व्यक्तित्व के नाम पर मानव सेवा की ऐसी योजना शुरू करने जा रही है, जिसमें गरीबों और जरूरतमंद लोगों को मात्र आठ रुपये में शुद्ध पौष्टिक भोजन मिलेगा।

गहलोत ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर बैठक में इस योजना की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस योजना पर प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि योजना को जनसेवा की भावना, पारदर्शिता और जनभागीदारी के साथ लागू किया जाए, ताकि यह पूरे देश में निर्धन वर्ग को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक मिसाल बने।

उन्होंने निर्देश दिए कि योजना के संचालन में सेवाभावी संस्थाओं और स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे जल्द से जल्द ऐसी संस्थाओं का चयन करें।

जयपुर: राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच 14 अगस्त से शुरू होने जा रहे विधानसभा सत्र से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। यही वजह है कि एक तरफ जहां उन्होंने अपने समर्थक विधायकों को जयपुर से दूर जैसलमेर शिफ्ट करा दिया है तो वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी से कह रहे हैं कि राजस्थान में जो विधायकों की खरीद-फरोख्त का ‘तमाशा’ चल रहा है वह बंद होना चाहिए।

गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री मोदी को राजस्थान में जो ‘तमाशा’ चल रहा है उसे बंद कराना चाहिए। राज्य में खरीद-फरोख्त के रेट बढ़ गए हैं। क्या ‘तमाशा’ चल रहा है?" उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के कहने पर लोगों ने ताली-थाली बजाई और मोमबत्ती जलाई। देश की जनता ने उन्होंने दो बार मौका दिया। ऐसे में चाहिए कि जो कुछ राजस्थान में तमाशा चल रहा है उसे पीएम मोदी बंद कराए।

इससे पहले, जब फोन टैपिंग का मामला सामने आया था उस वक्त भी गहलोत ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर उनसे कहा था कि राज्य में उनकी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है।

जयपुर: राजस्थान में सियासी संकट अब भी जारी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को समर्थन देने वाले कांग्रेस के सभी विधायकों को अब जैसलमेर शिफ्ट किया जा रहा है। कई दिनों से जयपुर के फेयरमाउंट होटल में बंद गहलोत गुट के कांग्रेस विधायक जैसलमेर के लिए रवाना हो चुके हैं।ये सभी विधायक फेयरमाउंट होटल से निकल कर बस में बैठ सीधे एयरपोर्ट गए, जहां से वे जैसलमेर के लिए रवाना हुए। जानकारी के मुताबिक, विधायक 14 अगस्त तक जैसलमेर में रहेंगे। दरअसल राज्यपाल ने गहलोत सरकार को 14 अगस्त से विधानसभा सत्र बुलाने की इजाजत दी है।

इसी माह की शुरूआत में राजस्थान का सियासी संकट शुरू होने के बाद मुख्यमंत्री आवास में सीएलपी की मीटिंग हुई थी। बैठक में सचिन पायलट से उप-मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद छीनने की मांग उठी। मांग पर पार्टी आलाकमान ने मुहर लगाई और पायलट को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। जिसके बाद से गहलोत खेमे के सभी विधायक जयपुर स्थित फेयरमाउंट होटल में ठहरे हुए थे। विधायकों द्वारा तस्वीरें और वीडियो लगातार शेयर किए जा रहे थे। दरअसल विधायकों को जैसलमेर ले जाने के पीछे की वजह विधायकों की खरीद-फरोख्त को रोकना है।

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को दावा किया कि आगामी विधानसभा सत्र की तारीख तय होने के बाद राज्य में विधायकों के खरीद-फरोख्त का 'रेट' बढ़ गया है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और सरकार गिराने का षडयंत्र करने वाली भाजपा को जनता माफ नहीं करेगी।इसके साथ ही गहलोत ने कहा कि बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर बसपा प्रमुख मायावती डर और मजबूरी में बयान दे रही हैं।

गहलोत ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ''कल रात, जब से विधानसभा सत्र बुलाने की घोषणा हुई है, राजस्थान में खरीद-फरोख्त (विधायकों की) का 'रेट' बढ़ गया है। इससे पहले पहली किस्त 10 करोड़ रुपये और दूसरी किस्त 15 करोड़ रुपये थी। अब यह असीमित हो गई है। सब लोग जानते हैं कौन लोग खरीद-फरोख्त कर रहे हैं।''

उल्लेखनीय है कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने सरकार की ओर से चौथी बार भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए विधानसभा का पांचवां सत्र 14 अगस्त से बुलाने को मंजूरी दे दी।

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