चंडीगढ़: हरियाणा की भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान मरे लोगों के परिजनों को मुआवजा देने की पहल की है। इसके अलावा आंदोलन के दौरान जिन किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उन पर से केस वापस लिए जाएंगे। भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने यह जानकारी दी है। यही नहीं सीएम मनोहर लाल खट्टर के बुलावे पर किसान नेताओं का एक दल मुख्यमंत्री आवास पर उनसे मिलने के लिए चंडीगढ़ पहुंच गया है। चढ़ूनी ने कहा. 'सीएम मनोहर लाल खट्टर ने हमें किसानों पर दर्ज मामलों को लेकर बात करने के लिए बुलाया है। इसके अलावा आंदोलन के दौरान मरे किसानों के मुआवजे को लेकर भी बात होगी।'
हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस ले लिया था। हालांकि इस एलान के बाद भी किसान संगठनों ने एमएसपी कानून समेत 6 मांगें रखी थीं और आंदोलन खत्म करने से इनकार किया था। इन मांगों में आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा देने और आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेना भी था।
अब यदि खट्टर सरकार मुआवजे और केसों की वापसी का फैसला लेती है तो फिर दोनों पक्षों के बीच सहमति को लेकर यह अहम कदम हो सकता है। यही नहीं इससे आंदोलन खत्म होने की उम्मीदें भी बढ़ सकती हैं।
दिल्ली की सीमाओं पर किसानों को डटे हुए एक साल का वक्त बीत गया है। लेकिन अब भी किसान नेताओं का कहना है कि एमएसपी कानून बनने तक वह नहीं हटेंगे। राकेश टिकैत ने शुक्रवार को भी दोहराया कि एमएसपी कानून और मारे गए 700 किसानों के परिजनों को मुआवजा मिलने तक आंदोलन खत्म करने का सवाल ही नहीं उठता है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने एमएसपी कानून पर चर्चा को लेकर भी किसान संगठनों से 5 नाम मांगे हैं। हालांकि किसान संगठनों का कहना है कि इस बारे में सरकार से उन्हें कोई औपचारिक जानकारी नहीं मिली है।