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गुड़गांव: पीएम नरेंद्र मोदी के केदारनाथ से लाइव टेलीकास्‍ट को देखने के लिए हरियाणा के रोहतक जिले के एक मंदिर में पहुंचे राज्‍य के पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर सहित कुछ भाजपा नेताओं को किसानों द्वारा बंधक' बनाए जाने का मामला सुलझ गया है। राज्‍य के पूर्व मंत्री ने अपने बयान के लिए हाथ जोड़कर माफी मांगी है। किसानों ने इस मामले में पूर्व मंत्री को 'अल्‍टीमेटम' दिया था।

गौरतलब है कि पीएम के कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्‍ट देखने मंदिर पहुंचे इन नेताओं ने अपने आप को बड़ी संख्‍या में आंदोलनकारी किसानों से घिरा पाया था। ये किसान पिछले एक साल से अधिक समय से केंद्र सरकार के तीन विवादास्‍पद कृष‍ि कानूनों के खिलाफ आंदोलन छेड़े हुए हैं। प्रदर्शनकारियों ने पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर सहित कई भाजपा नेताओं को पिछले छह घंटों से रोककर रखा हुआ था। इन किसानों की मांग थी कि ग्रोवर, किसानों के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा के इस्‍तेमाल के लिए माफी मांगें। ग्रोवर को टिप्‍पणी पर खेद जताने के लिए उन्‍होंने आधा घंटे का वक्‍त दिया था।

इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस ने 80 किमी दूर गुड़गांव से करीब रोहतक जिले के किलोई गांव के एक मंदिर में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अन्‍य जिलों से पुलिसकर्मियों को घटना के स्‍थान पर भेजा था। दो प्रदर्शनकारियों को अरेस्‍ट भी किया गया था। दिल्‍ली-हिसार नेशनल हाईवे को ट्रैफिक के लिए बंद किया गया था। जिन अन्‍य नेताओं को मंदिर में बंधक बनाया गया था, उसमें पार्टी के संगठन मंत्री रवींदर राजू, मेयर मनमोहन गोयल, भाजपा जिला प्रमुख अजय बंसल और पार्टी नेता सतीश नांदाल शामिल थे।

गौरतलब है किसान, खासकर हरियाणा और पंजाब के किसान, तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत हैं। इनका आरोप है कि इन कानूनों के अमल में लाने से कृषि का नियंत्रण निजी हाथों में पहुंच जाएगा। दूसरी ओर, सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि वह किसानों से मिलने वाले सुझावों के अनुसार, कानूनों में बदलाव के लिए तैयार है।

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