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पंचकूला (हरियाणा): बहुचर्चित रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में सीबीआई की विशेष अदालत डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह समेत पांचों दोषियों को उम्रकैद या फिर फांसी की सजा सुना सकती है।

कानूनविदों के अनुसार जिन धाराओं के तहत कोर्ट ने आरोपियों को दोषी करार दिया है, उनमें उम्रकैद और फांसी की सजा का प्रावधान है। सीबीआई के वरिष्ठ वकील एचपीएस वर्मा और वरिष्ठ वकील केपी सिंह ने बताया कि कोर्ट ने डेरामुखी गुरमीत राम रहीम सिंह और कृष्ण कुमार को आईपीसी की धारा-302 और 120 बी के तहत दोषी करार दिया है। उन्होंने बताया कि आईपीसी की धारा 302 में उम्रकैद और 120-बी में कम से कम सात साल और उम्रकैद की भी सजा सुनाई जा सकती है। 

उन्होंने कहा कि 12 अक्तूबर को सजा पर बहस के दौरान फांसी की सजा की मांग भी की जाएगी। वहीं, सीबीआई कोर्ट ने दोषी अवतार, जसवीर और सबदिल को आईसीपी की धारा-302, 120 बी और आर्म्स एक्ट की धारा के तहत दोषी करार दिया है। उक्त धाराओं के तहत कोर्ट दोषियों को उम्रकैद या फांसी की सजा सुना सकती है।

उन्होंने बताया कि सजा सुनाने के वक्त पांचों दोषियों के व्यवहार के भी ध्यान में रखा जाता है।
 
बड़े केसों में पहले भी कर चुके हैं पैरवी 
सीबीआई के वकील एचपीएस वर्मा और केपी सिंह पहले भी कई बड़े केसों में पैरवी कर चुके हैं। वकील केपी सिंह चंडीगढ़ सीबीआई कोर्ट में रहकर जम्मू कश्मीर सेक्स स्कैंडल केस में भी बतौर सीबीआई वकील पैरवी कर चुके हैं।

वहीं, पंचकूला में चल रहे बड़े केस भी देख रहे हैं। इसके अलावा एचपीएस वर्मा पत्रकार छत्रपति हत्याकांड और साध्वी यौन शोषण मामले की पैरवी कर चुके हैं। सीबीआई के विशेष जज सुशील कुमार की ओर से भी बड़े केसों में फैसला सुनाया जा चुका है। अभी हाल ही में इसी साल एक अप्रैल को ट्रांसफर होकर चंडीगढ़ से पंचकूला सीबीआई विशेष अदालत में आए हैं। 

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