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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
संविधान की प्रस्तावना में भी संशोधन कर सकती है संसदः सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में गड़बड़ी के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (20 फरवरी) को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्‍यक्षता वाली बेंच ने मेयर इलेक्‍शन के र‍िटर्न‍िंग ऑफ‍िसर अन‍िल मसीह की तरफ से अवैध करार दिए गए सभी 8 वोटों को 'मान्‍य' घोष‍ित कर द‍िया। शीर्ष अदालत के इस न‍िर्णय पर कांग्रेस के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मल्‍ल‍िकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी समेत पार्टी के कई नेताओं ने प्रत‍िक्र‍िया जाह‍िर की है।

राहुल गांधी ने सोशल मीड‍िया प्‍लेटफार्म 'एक्‍स' पर पोस्‍ट शेयर कर ल‍िखा, ''लोकतंत्र की हत्या की भाजपाई साजिश में मसीह सिर्फ 'मोहरा' है, पीछे मोदी का 'चेहरा' है।''

कांग्रेस अध्‍यक्ष खड़गे ने सोशल मीड‍िया प्‍लेटफार्म 'एक्‍स' पर पोस्‍ट शेयर करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने लोकतंत्र को निरंकुश बीजेपी के दंश से बचा ल‍िया है, ज‍िसने गंदी चुनावी गड़बड़ी को अपनाया था। बीजेपी इस हेराफरी के सहारे चुनाव जीत रही थी।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार और किसानों के बीच अब तक चार बार वार्ता हो चुकी है लेकिन बातचीत बेनतीजा रही है। किसान नेताओं ने सरकार का प्रस्ताव खारिज कर दिया है। वहीं, किसानों ने 21 फरवरी को दिल्ली कूच करने का फैसला कर लिया है।

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक रही है और किसानों को दिल्ली जाने की इजाजत मिलनी चाहिए।

किसानों को दिल्ली जाने की अनुमति मिले: सरवन सिंह पंढेर

"सरकार की मंशा बहुत स्पष्ट थी कि वे हमें किसी भी कीमत पर दिल्ली में प्रवेश नहीं करने देंगे। यदि आप किसानों के साथ चर्चा के माध्यम से समाधान नहीं निकालना चाहते हैं तो हमें दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दी जानी चाहिए। जब हम दिल्ली की ओर बढ़े, गोलाबारी हुई। ट्रैक्टरों के टायरों पर गोलियां भी चलाई गईं।

सरवन सिंह पंढेर ने आगे कहा,"हरियाणा के डीजीपी ने कहा है कि वे किसानों पर आंसू गैस का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। हम इसका इस्तेमाल करने वालों के लिए सजा की मांग करते हैं।

नई दिल्ली: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में खरीद पर गारंटी समेत तमाम मांगों को लेकर किसान सड़कों पर उतरे हैं। सरकार और किसान नेताओं के बीच चौथे राउंड की बातचीत भी फेल हो गई है। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने केंद्र सरकार के एमएसपी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। केंद्र सरकार की तरफ से कथित रूप से एमएसपी पर पांच साल के कॉन्ट्रेक्ट का प्रस्ताव दिया गया था। इसे खारिज करते हुए किसानों नेताओं ने कहा कि उन्हें एमएसपी गारंटी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।

पंजाब और हरियाणा को विभाजित करने वाले शंभू बार्डर पर मुख्यतौर पर धरना देने वाले दो बड़े किसान संगठन हैं। पहला- किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का संगठन संयुक्त किसान मोर्चा। दूसरा- सरबन सिंह पंधेर किसान मजदूर मोर्चा. फिलहाल, सरकार जिन किसान संगठनों से बात कर रही है, वो अलग हैं।

रविवार को चौथे दौर की बातचीत को सरकार और किसान संगठन दोनों ने सकारात्मक बताया। इस मामले के सुलझने की राह में सबसे बड़ी बाधा एमएसपी पर कानून बनाने की बात है।

चंडीगढ़: फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी समेत 12 मांगों को लेकर दिल्ली कूच के लिए निकले किसान अध्यादेश पर अड़ गए हैं। रविवार को चंडीगढ़ में सरकार के साथ देर शाम करीब सवा आठ बजे शुरू हुई चौथे दौर की वार्ता में किसान संगठनों ने स्पष्ट कर दिया है कि एमएसपी की कानूनी गारंटी के लिए केंद्र अध्यादेश लेकर लाए। वह इससे कम किसी बात पर नहीं मानेंगे।

करीब दो घंटे देरी से शुरू हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय के साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां भी शामिल हुए। दूसरी ओर, कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर पर हुई हरियाणा के किसान नेताओं, खापों और अन्य संगठनों की बैठक में फैसला लिया गया है कि यदि केंद्रीय मंत्रियों के साथ पंजाब के किसान संगठनों की वार्ता असफल रही तो हरियाणा के किसान संगठन और खाप पंचायतें आंदोलन में शामिल होंगी।

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