नई दिल्ली: इनकम टैक्स विभाग ने कांग्रेस पार्टी को 1,700 करोड़ रुपये का रिकवरी नोटिस भेजा है, ये जानकारी सूत्रों के हवाले से सामने आई है। कांग्रेस को यह नोटिस दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा टैक्स नोटिस को चुनौती देने वाली पार्टी की याचिका खारिज करने के एक दिन बाद भेजा गया है। सूत्रों के मुताबिक ताजा नोटिस एसेसमेंट इयर 2017-18 से 2020-21 के लिए है, इसमें जुर्माना और ब्याज दोनों शामिल है।
बीजेपी के खिलाफ 4600 करोड़ का नोटिस जारी करे आईटी: माकन
आयकर विभाग के नोटिस पर कांग्रेस नेता अजय कामन की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कांग्रेस को अब तक 1823 करोड़ रुपए का डिमांड नोटिस जारी किया है। इसमें सीताराम केसरी के कार्यकाल 1993-94 से जुड़ी 53.5 करोड़ की डिमांड शामिल है। हम मांग करते हैं कि आयकर विभाग बीजेपी के खिलाफ 4600 करोड़ का टैक्स डिमांड नोटिस जारी करें।"
पहले ही फंड की किल्लत से जूझ रही कांग्रेस
इनकम टैक्स अधिकारियों की तरफ से 200 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने और फंड को फ्रीज करने के बाद कांग्रेस पहले से ही पैसे की किल्लत से जूझ रही है। कांग्रेस को इस मामले में हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। अब पार्टी सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। वहीं कांग्रेस, बीजेपी पर लोकसभा चुनाव से पहले उसे आर्थिक रूप से दबाने और उसके खिलाफ इनकम टैक्स अधिकारियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगा रही है।
आईटी ने कांग्रेस पर लगाई थी 200 करोड़ की पैनल्टी
बता दें कि इनकम टैक्स विभाग को फरवरी में कांग्रेस के टैक्स रिटर्न में गड़बड़ी मिली थी। जिसके बाद विभाग ने 200 करोड़ रुपये की पैनल्टी लगाई थी। आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) ने पार्टी को बकाया भुगतान करने को कहा था और उनके खाते फ्रीज कर दिए थे। वहीं कांग्रेस का कहना है कि टैक्स ट्रिब्यूनल का उसके फंड को रोकने का आदेश "लोकतंत्र पर हमला" है, क्योंकि यह आदेश लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिया गया है।
दिल्ली हाई कोर्ट से कांग्रेस को झटका
दिल्ली हाई कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस द्वारा उसके खिलाफ 4 साल के लिए टैक्स रीएसेसमेंट प्रोसीडिंग शुरू करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावी बॉन्ड को रद्द करने के बाद, लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के लिए फंडिंग एक केंद्रीय मुद्दा बनता जा रहा है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने अदालत के फैसले का स्वागत किया, जिसने उस योजना को खत्म कर दिया जिससे बीजेपी को सबसे ज्यादा फायदा हुआ था।