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हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): विपक्षी दलों ने आज राज्यसभा में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी से सदन के बाहर देवी-देवता के बारे में की गयी आपत्तिजनक टिप्पणियों को सदन में पढने के लिए उनसे माफी मांगने को कहा। वहीं स्मृति इन मांगों से अप्रभावित रहीं तथा उन्होंने दावा किया कि वह एक आस्थावान हिन्दू हैं और दुर्गा मां की पूजा करती हैं। मानव संसाधन मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि उन्होंने जेएनयू से प्रमाणित दस्तावेजों को पढा क्योंकि उनसे बार बार यह पूछा गया कि राष्ट्र विरोधी कृत्यों वाले छात्रों के खिलाफ क्या सबूत हैं तथा ऐसे छात्रों को कुछ दल गरिमा प्रदान कर रहे हैं। इस पर विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह एक बेहद गंभीर मुद्दा है तथा मंत्री ने कल जो कहा उसके लिए माफी मांगनी चाहिए। आजाद ने कहा कि कई धार्मिक गुरू के बारे में अभियान चलाया जाता है किन्तु उसे सदन में नहीं उठाया जा सकता। स्मृति का बचाव करते हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दलों पर हमला बोला और कहा कि अब यह एक चलन बन गया है कि वे हर सत्र में अल्पकालिक चर्चा, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और हर बात पर माफी मांगने की बात करते हैं तथा उन्हें विधायी कामकाज में कोई रूचि नहीं है।

दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है, जिसमें उन तीन वकीलों के खिलाफ एसआईटी जांच और अवमानना कार्रवाई शुरू करने की मांग की गई है, जो कैमरे में यह ‘शेखी बघारते हुए’ कैद हो गए थे कि उन्होंने पटियाला हाउस अदालत परिसर में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार तथा पत्रकारों सहित अन्य लोगों की पिटाई की थी। जस्टिस जे. चेलमेश्वर और जस्टिस एएम सप्रे की पीठ ने इन तीनों वकीलों को भी नोटिस जारी किया, जो कथित तौर पर एक स्टिंग ऑपरेशन में शेखी बघारते पकड़े गए थे। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई चार मार्च के लिए तय कर दी। शुरू में पीठ अधिवक्ता कामिनी जायसवाल द्वारा दायर याचिका पर यह कहते हुए नोटिस जारी करने की इच्छुक नहीं थी कि वह मुद्दे पर एक मामले की पहले ही सुनवाई कर रही है जो 10 मार्च को आएगा। पीठ ने कहा, ‘सवाल यह है कि एक और मामला लंबित है और जब तक उस मामले में कार्यवाही पूरी नहीं होती, क्या हमें इस नए मामले में अवमानना कार्यवाही शुरू करनी चाहिए?’ हालांकि बाद में इसने याचिका पर नोटिस जारी कर दिया।

नई दिल्ली (आशु सक्सेना): लोकसभा में आज (शुक्रवार) लोकसभा में उस वक्त सदन के संचालन पर सवालिया निशान लगाया गया, जब कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे  ने जेएनयू और राहुल वैमुला मामले में सदन में हुई चर्चा का जो रिकार्ड सामने आया है, उसमें कांग्रेस के ज्योतिराजे सिंधिया की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है जबकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ की गई भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से नही हटाया गया है। उन्होंने कहा की यह अनुचित है, अगर सदन की कार्यवाही से किसी खास वक्तव्य को हटाना है, तो दोनों पक्षों के वक्तव्यों को हटाना चाहिए। सदन में थोड़े शोरशराबे के बीच संसदीय कार्य राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूड़ी हस्तक्षेप करते हुए जानकारी दी कि भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर का अभी सदन में नाम लिया गया है। वह सदन में मौजूद है। लिहाजा उन्हें इस मामले में बोलने की अनुमति दी जाए। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मंत्री के अनुरोध पर भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर को बोलने की अनुमति दे दी।

नई दिल्ली: पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित कराने के पहले के प्रयास में चीन के अवरोध पैदा करने के बाद भारत ने गुरुवार को कहा कि वह अपनी मांग को लेकर फिर से इस विश्व निकाय का रुख करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने यहां कहा, ‘हम 1267 प्रतिबंध समिति का रुख करेंगे ताकि प्रतिबंध की सूची में मसूद अजहर का नाम शामिल किया जाए। यह बहुत बड़ी विसंगति है कि जैश-ए-मोहम्मद इस सूची में है लेकिन इसका नेता नहीं है।’ उन्होंने यह भी कहा कि भारत पहले ही संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति को उन 11 आतंकवादियों की ताजा सूची सौंप चुका है जिसमें अलकायदा, तालिबान और दूसरे संगठनों से संबंधित पाकिस्तान आधारित समूह के आतंकी शामिल हैं। भारत में आतंकवाद से जुड़े 11 व्यक्तियों और एक संगठन की सूची बीते 18 फरवरी को 1267, 1989, 2253 आईएसआईल (दाएश) एवं अलकायदा प्रतिबंध समिति को सौंपी गई।

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