ताज़ा खबरें
केजरीवाल की पद पर वापसी तक उनके मार्गदर्शन में काम करुँगी:आतिशी
भाजपा झूठ का सहारा ले रही, मुझे चुप कराने के लिए बेताब हैं: राहुल
आतिशी ने ली दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ, पांच विधायक बने मंत्री

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में देशद्रोह के आरोपों से उत्पन्न स्थिति पर गुरुवार को राज्यसभा में हुई चर्चा के जवाब के दौरान जब मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने दुर्गा मां के बारे में इस विश्वविद्यालय के छात्रों के आपत्तिजनक बयान पढ़कर सुनाए तो एक नाटकीय घटनाक्रम में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने इस पर जबरदस्त हंगामा खड़ा कर दिया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही अचानक शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। लगभग साढ़े चार घंटे की बहस के बाद जब ईरानी ने चर्चा का जवाब देना शुरू किया तो विपक्षी सदस्यों के साथ उनकी कई बार तीखी नोकझोक हुई लेकिन जैसे ही उन्होंने जेएनयू में महिषासुर वध के विरोध में आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि किस तरह दलित और पिछडे़ वर्ग के छात्र मां दुर्गा का अश्लील चित्रण करते हैं। उन्होंने इसके बारे में जब एक पर्चे से विस्तार से पढ़ना शुरू किया तो कांग्रेस के आनंद शर्मा भड़क गए और उन्होंने इसका कड़ा विरोध किया। इसके बाद कांग्रेस के कई सदस्य आसन के निकट आ गए और जमकर नारेबाजी शुरू कर दी।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और माकपा नेता सीताराम येचुरी ने गुरुवार को राज्यसभा में जेएनयू विवाद और हैदराबाद में रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला की खुदकुशी के मामले में बहस में भाग लिया।केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राष्ट्रवाद पर हुई बहस में सवाल किया कि क्या हम ऐसे लोगों को समर्थन दे रहे हैं, जिनकी सोच ही इस देश के टुकड़े करने की है। क्या कोई कह सकता है कि मकबूल बट और अफजल गुरु को फांसी दिए जाने वाले दिन को याद करते हुए उनका शहीदी दिवस मनाया जाए। एचसीयू और जेएनयू में जिस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए, हमें उन्हें लेकर अपनी सोच स्पष्ट करनी चाहिए। जेएनयू और हैदराबाद विश्वविद्यालय के विशेष संदर्भ में केंद्रीय उच्चतर शिक्षा संस्थानों में उत्पन्न स्थिति पर माकपा नेता सीताराम येचुरी ने इन घटनाओं की जांच के लिए एक संसदीय समिति गठित करने की मांग की। उन्होने कहा कि अब गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे राष्ट्रवादी बताया जायेगा और सीताराम येचुरी को राष्ट्र विरोधी कहा जाएगा। माकपा की अगुवाई में विपक्ष ने हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या और जेएनयू से जुड़ी घटना को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला और घटनाओं की जांच के लिए एक संसदीय समिति गठित करने की मांग की। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि दिल्ली में असुरक्षा की भावना बढ़ी है। पिछले कई महीनों से माहौल खराब हुआ है। देश की छवि खराब हुई है। सुनियोजित तरीके से सरकार द्वारा समर्थित या प्रोत्साहित हमले हुए हैं। राजधानी में एक उन्माद पैदा किया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में दिखावटी कार्रवाई की है। भाकपा के डी राजा ने कहा कि पटियाला हाउस अदालत परिसर में जो हुआ, उसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता। दिल्ली पुलिस अपने कर्तव्य का पालन करने में नाकाम रही। जदयू के केसी त्यागी ने कहा कि आपातकाल के अलावा जेएनयू में कभी भी पुलिस नहीं गई। पुलिस सादे कपड़ों में छात्राओं के छात्रावास में भी गई। हालात ऐसे हो गए हैं कि पुलिस और न्यायिक हिरासत में भी आरोपी सुरक्षित नहीं हैं। सपा के रामगोपाल यादव ने कहा कि सरकार को नाथूराम गोडसे को महिमामंडन करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए। पटियाला हाउस अदालत परिसर में आरोपी वकीलों की तुरंत जमानत हो गई क्योंकि उनके खिलाफ उचित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। एनसीपी नेता डीपी त्रिपाठी ने संसद में हुई बहस के दौरान कहा, मेरी नजर में रोहित वेमुला की मौत संस्थागत हत्या है। एक केंद्रीय मंत्री लिखते हैं कि वह विश्वविद्यालय देश विरोधी गतिविधियों का अड्डा बन चुका है। राष्ट्रीय एकता और भारत की संप्रभुता के लिए पूरी तरह से सहमत होते हुए कहना चाहता हूं कि भय, नफरत और कहल के माहौल के कारण ही ऐसी समस्याएं शुरू होती हैं।त्रिपाठी ने कहा कि पटियाला हाउस अदालत परिसर की घटना में वकीलों के कपड़ों में बाहरी लोग थे।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख