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नई दिल्ली: उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार में बढ़ते संकट के बीच कांग्रेस पार्टी ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर आरोप लगाया कि वे धन का लोभ देकर और राजनीतिक सत्ता का इस्तेमाल कर गैर-भाजपा सरकारों को अस्थिर करना चाहते हैं। कांग्रेस के प्रधान प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि उनकी पार्टी इस साजिश से ‘आतंकित’ नहीं है और सरकार की तरफ से पेश चुनौती का सामना करने के लिए सभी तरह के कानूनी, सियासी और संवैधानिक उपायों पर विचार करेगी। सुरजेवाला ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हरीश रावत सरकार विधानसभा के सदन में अपना बहुमत साबित करने के लिए तैयार है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘मोदी और शाह की जोड़ी इस देश में निर्वाचित सरकारों को जबरन हटाने के लिए बदनाम है। एक नापाक साजिश से चुनी हुई सरकारों को अस्थिर किया जा रहा है। अरूणाचल प्रदेश के बाद यह उत्तराखंड है।’ सुरजेवाला ने कहा कि दिल्ली और उसके बाद बिहार के चुनावों में हार के बाद भाजपा ये कदम उठा रही है क्योंकि इन चुनावों से उसे लग रहा है कि वह किसी भी राज्य में चुनाव से सत्ता में नहीं आ सकती। कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल किया, ‘सभी संवैधानिक कायदे कानूनों को धता बताते हुए लुभा कर विधायकों को तोड़ने की क्या यह पारदर्शिता एवं जवाबदेही की राजनीति की मोदी संस्कृति है?’

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन को फिर से मजबूत करने के प्रयासों को उस समय झटका लगा जब भाजपा ने स्पष्ट किया कि सरकार शर्तों पर नहीं बनाई जा सकती। महबूबा मुफ्ती की यहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के एक दिन बाद उनकी पार्टी के सूत्रों ने यह भी संकेत दिये कि नई सरकार के गठन पर दोनों पक्षों के बीच पर्दे के पीछे की बातचीत नाकाम रही। हालांकि, भाजपा महासचिव और राज्य में पार्टी के प्रभारी राम माधव ने आधिकारिक रूप से कहा कि पहले से बना गतिरोध कायम है और सरकार के गठन के लिए शर्तें आधार नहीं हो सकतीं। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘कोई प्रगति नहीं हुई है। जहां तक हमारी बात है उन स्थितियों में कोई बदलाव नहीं है जो मुफ्ती मोहम्मद सईद साहब के मुख्यमंत्री रहते थीं। एकमात्र बदलाव यह है कि मुफ्ती साहब अब वहां नहीं हैं और नए नेता की नियुक्ति करना और आगे बढ़ना पीडीपी के ऊपर है।’ महबूबा और शाह बैठक से जुड़े सवाल पर माधव ने कहा, ‘हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं है। हमने उनसे कहा है कि पिछली स्थितियों के आधार पर ही नई सरकार बननी चाहिए।’ पीडीपी के 27 और भाजपा के 25 सदस्य हैं। इन दलों ने पिछले साल मार्च में गठबंधन किया था और सईद मुख्यमंत्री बने थे।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों के प्रति अपने आदेश में आज (शुक्रवार) बदलाव किया है और अब सरकारी विज्ञापनों में राज्यपालों, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और राज्य मंत्रियों के चित्र दिखाए जा सकते हैं। न्यायालय ने ऐसे विज्ञापनों के प्रकाशन को मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र एवं राज्यों की याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया है। याचिका करने वालों में पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु भी शामिल हैं जहां चुनाव होने वाले हैं। इन याचिकाओं में विज्ञापनों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश के अलावा अन्य नेताओं के चित्र प्रकाशित करने पर प्रतिबंध लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार किए जाने की मांग करते हुए कहा गया है कि यह आदेश संघीय ढांचा और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और पी. सी. घोष की पीठ ने कहा, ‘‘हम अपने उस फैसले की समीक्षा करते हैं जिसके तहत हमने सरकारी विज्ञापनों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के चित्रों के प्रकाशन को मंजूरी दी है।

नई दिल्ली: छोटी-छोटी बचत के जरिए पैसे जोड़ने वाले गरीब और मध्यम वर्ग को केंद्र सरकार ने झटका दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज दर में कटौती कर दी है। पीपीएफ पर अब तक 8.7 फीसदी की दर से वार्षिक ब्याज मिलता था, लेकिन अब इस पर सिर्फ 8.1 फीसदी ही ब्याज मिलेगा। यही नहीं सरकार ने किसान विकास पत्र पर मिलने वाले ब्याज में भी कटौती की है। अब तक किसान विकास पत्र पर 8.7 फीसदी ब्याज दिया जाता था, जिसे अब 7.8 फीसदी कर दिया गया है। इसके अलावा सरकार ने पांच साल की अवधि के लिए निवेश किए जाने वाले नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर भी ब्याज दर घटाकर 8.1 फीसदी कर दी है।

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