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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी विज्ञापनों के प्रति अपने आदेश में आज (शुक्रवार) बदलाव किया है और अब सरकारी विज्ञापनों में राज्यपालों, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और राज्य मंत्रियों के चित्र दिखाए जा सकते हैं। न्यायालय ने ऐसे विज्ञापनों के प्रकाशन को मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र एवं राज्यों की याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया है। याचिका करने वालों में पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु भी शामिल हैं जहां चुनाव होने वाले हैं। इन याचिकाओं में विज्ञापनों में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश के अलावा अन्य नेताओं के चित्र प्रकाशित करने पर प्रतिबंध लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार किए जाने की मांग करते हुए कहा गया है कि यह आदेश संघीय ढांचा और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और पी. सी. घोष की पीठ ने कहा, ‘‘हम अपने उस फैसले की समीक्षा करते हैं जिसके तहत हमने सरकारी विज्ञापनों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के चित्रों के प्रकाशन को मंजूरी दी है।

अब हम राज्यपालों, संबंधित विभागों के केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और संबंधित विभागों के मंत्रियों के चित्र प्रकाशित किए जाने की अनुमति देते हैं।’’ पीठ ने कहा, ‘‘शेष शर्तें एवं अपवाद यथावत रहेंगे।’’

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