नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन को फिर से मजबूत करने के प्रयासों को उस समय झटका लगा जब भाजपा ने स्पष्ट किया कि सरकार शर्तों पर नहीं बनाई जा सकती। महबूबा मुफ्ती की यहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के एक दिन बाद उनकी पार्टी के सूत्रों ने यह भी संकेत दिये कि नई सरकार के गठन पर दोनों पक्षों के बीच पर्दे के पीछे की बातचीत नाकाम रही। हालांकि, भाजपा महासचिव और राज्य में पार्टी के प्रभारी राम माधव ने आधिकारिक रूप से कहा कि पहले से बना गतिरोध कायम है और सरकार के गठन के लिए शर्तें आधार नहीं हो सकतीं। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘कोई प्रगति नहीं हुई है। जहां तक हमारी बात है उन स्थितियों में कोई बदलाव नहीं है जो मुफ्ती मोहम्मद सईद साहब के मुख्यमंत्री रहते थीं। एकमात्र बदलाव यह है कि मुफ्ती साहब अब वहां नहीं हैं और नए नेता की नियुक्ति करना और आगे बढ़ना पीडीपी के ऊपर है।’ महबूबा और शाह बैठक से जुड़े सवाल पर माधव ने कहा, ‘हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं है। हमने उनसे कहा है कि पिछली स्थितियों के आधार पर ही नई सरकार बननी चाहिए।’ पीडीपी के 27 और भाजपा के 25 सदस्य हैं। इन दलों ने पिछले साल मार्च में गठबंधन किया था और सईद मुख्यमंत्री बने थे।
पीडीपी प्रमुख द्वारा रखी गई नई मांग के बारे में माधव ने साफ कहा कि जो कुछ भी नया होना है, सरकार बनने के बाद होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘पहली चीज यह है कि कोई नई मांग हमें स्वीकार्य नहीं है और दूसरी चीज यह है कि अगर नई मांगें हैं तो उन पर नई सरकार बनने के बाद विचार किया जा सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकार के पास केन्द्र से मांग करने का अधिकार हमेशा होता है। सरकार शर्तों पर नहीं बन सकती।’ यह पूछे जाने पर कि क्या नई सरकार बनेगी, उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं कह सकता क्योंकि जो गतिरोध पहले था वह बना हुआ है।’ पीडीपी ने सईद के निधन के बाद अपना रुख कड़ा कर दिया था और गठबंधन सरकार की बहाली से पहले राज्य के विकास के लिए ठोस योजनाओं की मांग की थी।