ताज़ा खबरें
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा
संसद में अडानी के मुद्दे पर हंगामा, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत
निज्जर हत्याकांड: कनाडा में चार भारतीयों के खिलाफ सीधे होगा ट्रायल

नई दिल्ली: विधि आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष न्यायमूर्ति बलबीर सिंह चौहान ने जेएनयू विवाद के बाद चर्चा के केंद्र में आए राजद्रोह कानून के बारे में कहा है कि उस पर पुनर्विचार करने की जरूरत है लेकिन पैनल बिना संबंधित पक्षों को सुने किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचेगा। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ने कहा, ‘वाकई, इस पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। हमें नहीं मालूम कि समस्या क्या है, मुश्किलें क्या हैं। हम सभी पक्षों की सुनेंगे, फौजदारी वकीलों से परामर्श करेंगे।’ उन्होंने कहा कि हाल ही में पुनर्गठित 21वां विधि आयोग राजद्रोह से संबंधित भादसं की धारा 124 ए से जुड़ी मुश्किलों को समझने से पहले किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता। उन्होंने कहा, ‘मुश्किलें क्या हैं, उस पर पुनर्विचार की जरूरत क्यों है, क्या परिभाषा को बदलने की कोई जरूरत है। और तब ही हम रिपोर्ट देंगे। हम एकदम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकते।’ न्यायमूर्ति चौहान ने कहा कि आयोग के लिए प्राथमिकता आपराधिक न्याय प्रणाली की समग्र समीक्षा पर रिपोर्ट तैयार करना होगा जिसमें भारतीय दंड संहिता (भादसं), अपराध दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), और साक्ष्य कानून पर पुनर्विचार शामिल होगा।

नई दिल्ली: जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मंगलवार को मुलाकात की। जानकारी के अनुसार, कन्‍हैया कुमार आज सुबह राहुल गांधी के घर मिलने के लिए पहुंचे। यह मुलाकात आज सुबह साढ़े 11 बजे हुई और करीब एक घंटे तक चली। गौर हो कि कन्हैया ने राहुल से मिलने के लिए वक्त मांगा था, जिसके बाद मंगलवार को समय तय किया गया था। हालांकि, इस मुलाकात के कई तरह के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। ऐसे में इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। गौर हो कि वाम नेताओं के अलावा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी जेएनयू में देश विरोधी नारे लगने के बाद यूनिवर्सिटी परिसर पहुंचे थे। राहुल गांधी जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के गिरफ्तार होने के बाद उसके समर्थन में जेएनयू गए थे। उसी के बाद कन्हैया ने राहुल से मुलाकात का समय मांगा था।

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन को लेकर जारी गतिरोध समाप्त करने के लिए पीडीपी की अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की। जानकारी के अनुसार, इस मुलाकात के दौरान जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन पर चर्चा हुई। इस मुलाकात के बाद महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक को ‘अच्छी और बहुत सकारात्मक’ बताया। पीएम से मुलाकात के बाद महबूबा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पीएम मोदी के साथ मेरे मुलाकात काफी सकारात्‍मक रही। पीएम के साथ कई मुद्दों पर बातचीत हुई। ये बातचीत काफी सकारात्‍मक हुई। महबूबा ने यह भी कहा कि श्रीनगर पहुंचकर अगले कदम का खुलासा होगा। उन्‍होंने कहा कि मैं राज्य में वापस जाकर अपनी पार्टी के विधायकों के साथ मिलूंगी, इसके बाद इस बातचीत को लेकर विस्‍तार से जानकारी दूंगी। गौरतलब है कि महबूबा 24 मार्च यानी गुरुवार को अपने विधायकों के साथ बैठक करेंगी। अब यह संभावना जताई जा रही है कि होली के दिन राज्‍य में सरकार गठन पर बड़ा ऐलान हो सकता है। गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती कल फिर दिल्ली आईं हैं।

नई दिल्ली: उत्तराखंड की लड़ाई सोमवार को राष्ट्रपति के दरवाजे पहुंच गयी जहां भाजपा ने हरीश रावत सरकार को बर्खास्त करने की मांग की वहीं कांग्रेस ने केंद्र पर उसकी सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया। उधर दो बागी कांग्रेस विधायकों को निष्कासित कर दिया गया। वहीं, उत्तराखंड के राज्यपाल केके पॉल ने सोमवार को केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट भेजी। पॉल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि प्रदेश में 'सरकारी मशीनरी' फेल हो गई है। राज्यपाल ने 18 मार्च को विधानसभा हुई घटना की सीडी भी केंद्र सरकार को भेजी है। उत्तराखंड में विश्वास मत साबित करने से एक सप्ताह पहले कांग्रेस ने आज पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे साकेत और संयुक्त सचिव अनिल गुप्ता को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निष्कासित कर दिया वहीं संकट से घिरे मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्र और भाजपा पर उनकी सरकार को अस्थिर करने के लिए धनबल तथा बाहुबल का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। साकेत और गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई उन पर रावत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले नौ विधायकों का पक्ष लेने का आरोप लगने के बाद हुई है। शुक्रवार को विधानसभा में साकेत के पिता विजय बहुगुणा ने सरकार के खिलाफ मतदान किया था।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख