नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को फोटोग्राफरों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका काम कोई ‘आसान काम नहीं’ है और वे इतिहास के क्षणों को कैद करते हैं। उन्होंने डांडी मार्च का संदर्भ देते हुए कहा कि अनेक लोग इस यात्रा को भूल चुके हैं, लेकिन लाठी लेकर चलते महात्मा गांधी की तस्वीरें उस समूचे घटनाक्रम की याद दिलाती हैं। जेटली ने कहा, ‘वास्तव में अनेक ऐसे दृश्य हैं जिन्हें हम असल में फोटोग्राफिक दृश्य से याद रखते हैं, न कि उसकी विषय वस्तु से कि क्या घटना थी। क्या हमने बार-बार गांधी जी को हाथ में लाठी लेकर चलते नहीं देखा है?’ उन्होंने कहा, ‘हममें से कई लोग डांडी यात्रा को भूल चुके हैं, लेकिन उस क्षण की महान तस्वीर की छाप जिसे इतिहास में जगह मिली, असल में हमें याद दिलाती है कि वह ऐतिहासिक घटनाक्रम क्या था।’ सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने यह बात यहां पांचवें राष्ट्रीय फोटोग्राफी पुरस्कार समारोह में कही। समारोह में सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर भी उपस्थित थे।
जेटली ने फोटोग्राफरों के काम, खासकर मीडिया क्षेत्र से जुड़े फोटोग्राफरों के काम को एक ‘जटिल कला’ करार दिया। अपने संबोधन में उन्होंने मजाक करते हुए कहा कि फोटोग्राफरों को ‘तानाशाह’ भी माना जाता है क्योंकि वे राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री से भी ‘खड़े होने या बैठने के लिए’ कह सकते हैं जब तक कि उन्हें ‘मनपसंद फोटो’ नहीं मिल जाता। जेटली ने हास्य करते हुए कहा, ‘वे (फोटोग्राफर) समर्पित व्यक्ति होते हैं। जब तक वे अपनी मनपसंद तस्वीर हासिल नहीं कर लेते तब तक वे कार्यक्रमों में ‘बाधा पहुंचाते रहते’ हैं। कुछ को मजाक में तानाशाह कहा जाता है क्योंकि वे भारत के राष्ट्रपति से भी दोबारा फोटो खिंचवाने या कुछ समय के लिए खड़े होने को कह सकते हैं या वे प्रधानमंत्री से बैठने या एक बार फिर खड़े होने को कह सकते हैं।’ इस अवसर पर दिल्ली आधारित वरिष्ठ फोटो पत्रकार भवन सिंह को क्षेत्र में उनके योगदान के लिए ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। श्रीनगर से फोटो पत्रकार जावेद अहमद डार को ‘वर्ष के पेशेवर फोटो पत्रकार’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। दिल्ली के हिमांशु ठाकुर को शौकिया फोटोग्राफरों की श्रेणी में पुरस्कार मिला। मंत्री ने पेशेवर श्रेणी में अरूण श्रीधर, बिंदु अरोड़ा, पट्टाभि रमन, श्रीकांत शिम्पी और शिबू भवनेंद्रन को ‘विशेष उल्लेख पुरस्कार’ प्रदान किया। शौकिया श्रेणी में ‘विशेष उल्लेख पुरस्कार’ मुकेश श्रीवास्तव, प्रशांत स्वामीनाथन, संतोष राजघड़िया, रिषभ मित्तल और सुबीर गुप्ता को मिला। विजेताओं का चयन एक निर्णायक मंडल ने किया था जिसमें जाने माने फोटोग्राफर अशोक दिलवाली (अध्यक्ष), सुधारक ओल्वे, के. माधवन पिल्लै, एच सतीश, गुरिंदर ओसन और संजीव मिश्रा शामिल थे।