- Details
(आशु सक्सेना): बिहार के समस्तीपुर (सुरक्षित) संसदीय क्षेत्र की जनता ने अपने रहनुमाओं को सिर-आंखों पर बिठाया है, तो कई बार गिरा भी दिया है। जिन जनप्रतिनिधियों ने इलाके को नजरअंदाज किया, जनता ने उनकी मिट्टी पलीद कर दी। समस्तीपुर (सुरक्षित) लोकसभा पुराने रोसड़ा (सुरक्षित) संसदीय क्षेत्र का ही बदला नाम है। 2009 में इस सीट पर केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान चुनाव हार गये थे। यहां का प्रतिनिधित्व जदयू के महेश्वर हजारी ने किया था।
2014 का लोकसभा चुनाव रामविलास पासवान के छोटे भाई रामचंद्र पासवान ने एनडीए प्रत्याशी के तौर में जीता था। 2019 में लोजपा के रामचंद्र पासवान ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। 17 वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान उन्हें अचानक हार्ट अटैक हुआ और बाद में दिल्ली के राम मनोहर अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। लिहाजा इस सीट पर उपचुनाव हो रहा है। इस उपचुनाव में परिस्थिति पिछली बार की ही तरह है। महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी और एनडीए घटक लोजपा के बीच सीधा मुकाबला है। समस्तीपुर से लोजपा के दिवंगत सांसद रामचंद्र पासवान के बेटे प्रिंस राज पार्टी ने चुनाव मैदान उतारा हैं। जबकि उनके सामने महागठबंधन के पुराने प्रत्याशी कांग्रेस के डॉ. अशोक कुमार ही हैं।
- Details
(आशु सक्सेना) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी स्थापना के 100 वें वर्ष की ओर अग्रसर है। आरएसएस की स्थापना विजयदशमी के दिन 1925 में हुई थी। सही मायनों में इस संगठन का अंकुर 1920 में रोपा गया था, जो 1925 में एक पौधें की शक्ल में सामने आया था। अगर पिछले 100 साल के इतिहास पर नज़र डालें, तों ब्रिटिश भारत में हिंदु मुसलिम दंगों की शुरूआत 1920 में 'खिलाफत आंदोलन' के बाद व्यापक स्तर पर फैलना इतिहास के पन्नों में दर्ज है। दरअसल, यूं कहा जा सकता है कि धार्मिक आधार पर एक लंबी लकीर खिंच चुकी थी। जिसका परिणाम 'भारत का धार्मिक आधार' पर विभाजित होकर अस्तित्व में आना था। विभाजन के वक्त भारत और पाकिस्तान अस्तित्व में आये। इन सौ सालों में अब यह तीन देश बन चुके हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 95 वें साल पूरे होने पर नागपुर के रेशमीबाग में संघ के विजयदशमी उत्सव में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि संघ अपने इस नजरिये पर अडिग है “भारत एक हिंदू राष्ट्र” है। विजयदशमी के मौके पर अपने संबोधन में सरसंघचालक ने कहा कि राष्ट्र के वैभव और शांति के लिये काम कर रहे सभी भारतीय “हिंदू” हैं।
- Details
(आशु सक्सेना) 17 वीं लोकसभा के पहले सत्र के आखिरी दिन आज़ाद भारत में भारतीय जनसंघ द्वारा 1952 में देशवासियों से किये गये वादे को मोदी सरकार 2.0 ने कार्यभार संभालने के 90 दिनों के भीतर पूरा कर दिया। मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड 1 को छोड़कर 1947 में जम्मू-कश्मीर राज्य के साथ करार के तहत अनुच्छेद के बाकी अस्थाई सभी खंड़ों को खत्म कर दिया गया है।
मोदी सरकार ने लोकसभा में पेश प्रस्ताव में कहा है कि ‘‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड 1 के साथ पठित अनुच्छेद 370 के खंड 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राष्ट्रपति संसद की सिफारिश पर यह घोषणा करते हैं कि छह अगस्त 2019 से उक्त अनुच्छेद के सभी खंड लागू नहीं होंगे... सिवाय खंड 1 के।’’ संसद के दोनों सदनों ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प को भारी बहुमत से स्वीकृति दी। इसके साथ ही 17 वीं लोकसभा के पहले अधिवेशन का सत्रावसान हुआ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जम्मू-कश्मीर राज्य के विभाजन संबधी विधेयक को मंजूरी मिलने के तत्काल बाद सदन की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया।
- Details
(गिरिजेश वशिष्ठ) हर बार जब कोई जघन्य अपराध होता है हर तरफ से मारो मारो की चीत्कार सुनाई देने लगती है। एक भीड़ जो मौत देकर सारी समस्याएं हल कर देना चाहती है। कठुआ के बाद यही सुना, उससे पहले निर्भया में यही सुना जब भी कोई आपराध होता है मांग उठती है। चौराहे पर लटकाकर मार दो। फांसी कम से कम सजा है। कुछ लोग तो कहते हैं कि सुनवाई कोर्ट अदालत की भी ज़रूरत नहीं है लटका दो। लेकिन कभी सोचा कि आपकी तरह कानूनविद क्यों नहीं सोचते। महिलाओं के मामलें में दुनिया भर में संघर्ष करने वाली नारी समानाधिकार कार्यकर्ता क्यों नहीं ऐसी मांग करते। जाहिर बात है आप में से ज्यादातर ये बात न तो जानते हैं और न जानना चाहते हैं।
दरअसल खून का बदला खून में सभी को हर समस्या का हल दिखाई देता है। लेकिन समस्या का हल इतना आसान नहीं है फांसी चढ़ाने से समस्या बढ़ सकती है। क्या कभी आपने सोचा कि सामाजिक जागृति के बगैर आप जितना अधिक सज़ा सख्त करते जाएंगे पीड़ित महिला की जीवन की दिक्कतें बढ़ती जाएंगी। जैसे ही किसी महिला से बलात्कार होगा। पूरा समाज और परिवेश उस महिला पर दबाव डालना शुरू कर देगा।
- देश
- प्रदेश
- आलेख
- फैसले प्रभावित करने को हो रहा सोशल मीडिया का इस्तेमाल: चंद्रचूड़
- 'संसद के शीतकालीन सत्र में हो अडानी-मणिपुर मुद्दे पर चर्चा': कांग्रेस
- महाराष्ट्र में सुशासन की जीत और विभाजनकारी ताकतों की हार हुई:मोदी
- संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनने के लिए उत्सुक हूं: प्रियंका
- रुझानों में महाराष्ट्र में एनडीए, झारखंड में इंडिया गठबंधन बहुमत के पार
- दिल्लीवासियों को प्रदूषण से मिली थोड़ी राहत, एक्यूआई 367 पर आया
- राहुल ने अडानी की गिरफ्तारी की उठाई मांग, पीएम पर लगाए आरोप
- निज्जर से संबधित कनाडाई मीडिया की रिपोर्ट को भारत ने किया खारिज
- झारखंड में पांच बजे तक 67.59% वोटिंग, महाराष्ट्र में 58.22% मतदान
- एक्यूआई 500 से आया थोड़ा नीचे, सरकारी कर्मचारी करेंगे घर से काम
- सरकार ने जानबूझकर सर्वे टीम को सुबह भेजा, तब हिंसा हुई: अखिलेश
- शिवसेना विधायक दल की बैठक आज, सीएम पद के लिए दावेदारी तेज
- संभल मस्जिद विवाद: भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव, दो लोगों की मौत
- नांदेड़ लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के रवींद्र चव्हाण ने बीजेपी को हराया
- विधायकों के घरों में तोड़फोड़-आगजनी के मामले में दो और गिरफ्तार
- हमें काम करने में मदद मिलेगी: उपचुनाव में टीएमसी की जीत पर ममता
- चुनाव नतीजों पर सिद्धारमैया बोले- 'हमें जनता की अदालत में जीत मिली'
- महाराष्ट्र के नतीजों पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
- सात में से पांच सीटों पर जीत हासिल करना मामूली बात नहीं है: वसुंधरा
- मैं आधुनिक अभिमन्यु हूं, चक्रव्यूह तोड़ना जानता हूं: देवेंद्र फडणवीस
- अमेरिका में एक ऐसा राज्य जो दूसरे देशों के लोगों के लिए है धनकुबेर!
- महाराष्ट्र और झारखंड़ चुनाव नतीजे तय करेंगे पीएम मोदी का भविष्य
- इंडोनेशिया में नई वीजा पॉलिसी के बाद विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ी
- खूंखार इजरायली खुफिया एजेंसी "मोसाद" ऐसे देती है टारगेट को अंजाम
- झारखंड चुनाव में इस बार आदिवासी महिलाएं तय करेंगी सत्ता का ताज
- महाराष्ट्र:ओबीसी वोटरों की ताकत से किला फतह करना चाहती है बीजेपी
- धर्म निरपेक्ष दलों के समर्थन पर निर्भर होगी अब तीसरी मोदी सरकार
- अयोध्या, काशी और मथुरा वाले यूपी में मोदी को मिल रही है शिकस्त
- जाट लैंड पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी को नुकसान का संकेत
- लोकसभा सीटों का बंटवारा एनडीए के लिए भी कम सिरदर्द नहीं होगा