- Details
(आशु सक्सेना): संसद का मॉनसून सत्र पेगासस जासूसी, नये कृषि कानून के खिलाफ पिछले 9 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन और आम लोगों से जुड़े मंहगाई के मुद्दे पर हंगामें की भेंट चढ़ गया। इसके बावजूद संसद का मॉनसून सत्र देश की राजनीति के लिहाज से काफी सार्थक माना जा सकता है।
वैश्विक महामारी के दौरान आयोजित संसद सत्र यूं तो 2020 के बजट सत्र से ही निधारित अवधि से पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किये जा चुके हैं। लेकिन 17 वीं लोकसभा का छठा सत्र इस मायने में ऐतिहासिक माना जाएगा कि विपक्ष के हंगामें के बावजूद सरकार संसद के दोनों सदनों से उन सभी विधेयकों को पारित करवाने में सफल रही, जो उसके लिए महत्वपूर्ण थे। यह बात दीगर है कि बिना चर्चा के विधेयक पारित करने पर विपक्ष ने सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया है।
सत्रावसान से एक दिन पहले मोदी सरकार ने राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील मुद्दे पर ध्यान केंद्रीत किया और सप्ताह के पहले दिन सोमवार को सरकार ने सदन में हंगामें के बीच ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उछाल दिया।
- Details
(आशु सक्सेना) 2019 के लोकसभा चुनाव में पहले से ज्यादा बहूमत हासिल करके दूसरी बार सत्ता पर काबिज होते ही मोदी सरकार ने भाजपा के विवादित चुनावी वादों को तेजी से अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया था। मई 2019 को सत्ता पर काबिज होने के बाद संसद सत्र के दौरान 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने पार्टी के सबसे पुराने चुनावी वादे जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को निरस्त कर दिया और सूबे के राज्य के दर्जे को खत्म करते हुए दो केंद्रशासित प्रदेशों में उसे विभाजित कर दिया।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान मोदी सरकार ने हिंदू मुसलिम धुव्रीकरण को धार देने के इरादे से 11 दिसंबर 2019 को नागरिक संशोधन विधेयक (सीएए) को मंजूरी दे दी। इस बीच भाजपा के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दे राम मंदिर के पक्ष में 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल उपलब्धियों के लिहाज से पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में सफल नज़र आ रहा था।
- Details
(धर्मपाल धनखड़) केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है। सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच बातचीत के दस दौर हो चुके हैं, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। इस मामले में शुरू से ही केंद्र सरकार की नीति किसानों बिना कुछ दिये ही आंदोलन खत्म करवाने की रही है। आंदोलन को खत्म करवाने के सरकार तमाम हथकंडे अब तक नाकाम रहे हैं। किसानों ने कृषि कानूनों को डेढ़ साल के लिए स्थगित किये जाने की सरकार की आखिरी पेशकश को भी ठुकरा दिया।
किसान तीनों कानूनों की वापसी से कम पर किसी भी तरह मानने को तैयार नहीं हैं। वहीं सरकार भी स्पष्ट कर चुकी है कि वो किसी भी सूरत में कानून वापस नहीं लेगी।दिल्ली के बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करने को लेकर भी अड़े हुए हैं। अंततः पुलिस ने किसानों को ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत दे दी है और उसका रास्ता भी निर्धारित कर दिया है। अब किसान गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड की तैयारियों में लग गये हैं।
- Details
(आशु सक्सेना): 2020 को एक मनहूस साल के तौर पर सदियों तक याद किया जाएगा। इस साल की शुरूआत वैश्विक महामारी कोविड़ 19 के साथ संघर्ष से हुई। इस महामारी पर काबू पाने के लिए दुनिया भर के देशों ने लाॅकडाउन जैसे सख्त फैसले किये, जिसके चलते लोगों को अपने घर में सिमट कर रहने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस वैश्विक महामारी ने जहां दुनिया भर के देशों की अर्थ व्यवस्था को बूरी तरह प्रभावित किया है, वहीं दुनिया भर का राजनीतिक परिदृश्य भी बदलने लगा है। लाजमी है कि इन दोनों ही मोर्चो पर भारत में भी संघर्ष जारी है।
आज़ाद भारत में बीते साल की शुरूआत देशभर में सांप्रदायिक तनाव के बीच नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन से हुई, वहीं इस मनहूस साल का अंत दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से शुरू हुए किसान आंदोलन के साथ हुआ है। साल के आखिरी दिन मोदी सरकार ने किसानों की दो मांगे मान ली हैं। लेकिन किसान संगठनों की मुख्य मांग पर गतिरोध बरकरार है।
- देश
- प्रदेश
- आलेख
- बीएसपी की बैठक में आकाश आनंद बने चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर
- एस जयशंकर से पहले सेना दे चुकी है राहुल गांधी के सवाल का जवाब
- विदेश में पाक के खिलाफ संदेश देने वाले प्रतिनिधिमंडल के नाम घोषित
- कांग्रेस ने एस जयशंकर पर लगाया आरोप, विदेश मंत्रालय ने दी सफाई
- सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए नहीं दिया था थरूर का नाम: जयराम
- जस्टिस बेला को विदाई नहीं देने पर सीजेआई ने एससीबीए की निंदा की
- राजनयिक पहल की सख्त जरूरत है, लेकिन दोहरा मापदंड क्यों: कांग्रेस
- वक्फ कानून के खिलाफ नई याचिका पर सुनवाई से सुप्रीमकोर्ट का इंकार
- कांग्रेस ने एपल को भारत में रोकने के ट्रंप के दावे पर सरकार को घेरा
- सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल सोफिया पर बयान देने वाले मंत्री को लगाई फटकार
- मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जांच के लिए एसआईटी गठित
- हैदराबाद को दहलाने की साजिश नाकाम, दो संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार
- जम्मू-कश्मीर: शोपियां में आतंकियों के दो सहयोगियों को किया गिरफ्तार
- हैदराबाद के चारमीनार के पास इमारत में लगी भीषण आग, 17 की मौत
- दिल्ली में आंधी-बारिश,मेट्रो स्टेशन की छत उड़ी, दीवार गिरने से 3 मौत
- पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा गिरफ्तार
- दिल्ली मेंं 'आप' को लगा झटका, 15 पार्षदों ने दिया पार्टी से इस्तीफा
- अग्निवीर योजना लागू करके नौजवानों का भविष्य खतरे में डाला:अखिलेश
- बिहार: ऑपरेशन सिंदूर के शहीदों के परिजनों को 50 लाख मुआवजा
- कश्मीर यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर का कार्यकाल दो के लिए साल बढ़ा
- क्या प्रधानमंत्री तेलंगाना सुरंग हादसे की ज़िम्मेदारी लेंगे, या फिर किसी..?
- अमेरिका में रह रहे अवैध भारतीय प्रवासियों से जुड़े यक्ष प्रश्न
- दिल्ली यानि "मिनी इंडिया" का चुनाव बना 'पीएम मोदी बनाम केजरीवाल'
- अमेरिका को दुनिया की ‘बिटकॉइन महाशक्ति’ बनाएंगे डोनाल्ड ट्रंप
- नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप का शपथ समारोह: "शी से यारी...मोदी से दूरी"!
- पीएम मोदी को लेना चाहिए भारत रत्न सम्मान
- शालीनता की प्रतिमूर्ति डॉ मनमोहन सिंह, बेवाक करते थे पत्रकारों से चर्चा
- दिल्ली चुनाव में बीजेपी अपने एनडीए सहयोगियों संग किस्मत आजमाएगी
- अमेरिका में एक ऐसा राज्य जो दूसरे देशों के लोगों के लिए है धनकुबेर!
- महाराष्ट्र और झारखंड़ चुनाव नतीजे तय करेंगे पीएम मोदी का भविष्य