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रियो डि जनेरियो: साक्षी मलिक ने रियो ओलिंपिक में 58 किग्रा भारवर्ग फ्रीस्टाइल कुश्‍ती में कांस्‍य पदक हासिल कर इतिहास रच दिया है. उन्‍होंने कांस्‍य पदक के लिए प्‍ले ऑफ मुकाबले में जुझारू प्रदर्शन करते हुए किर्गिस्‍तान की पहलवान एसुलू तिनिवेकोवा को हराकर पदक जीता. साक्षी की जीत के साथ ही रियो ओलिंपिक में भारतीय खेम में 11 दिनों से जारी मेडल का इंतजार भी खत्‍म हुआ और साथ ही साक्षी ओलिंपिक में कांस्‍य जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं. इस जीत के साथ ही साक्षी ओलिंपिक मेडल हासिल करने वाली चौथी भारतीय महिला एथलीट हो गई हैं. इससे पहले कर्णम मल्‍लेश्‍वरी, मैरी कॉम और साइना नेहवाल ने ओलिंपिक में मेडल हासिल किए हैं. साक्षी की जीत के साथ ही रियो ओलिंपिक में भारतीय खेम में 11 दिनों से जारी मेडल का इंतजार भी खत्‍म हुआ. इस मैच के पहले पीरियड में वह किर्गिस्‍तान की पहलवान एसुलू तिनिवेकोवा से 0-5 से पिछड़ गईं. दूसरे पीरियड में शुरुआत में पिछड़ने के बाद साक्षी ने जबर्दस्‍त वापसी की और 8-5 से दूसरा सेट जीतकर कांस्‍य पदक जीतने में कामयाब हुईं और भारत की झोली में पदक डाला. बेहद चुनौतीपूर्ण मुकाबले में साक्षी ने अंतिम क्षणों में जीत हासिल की. हालांकि शुरू में किर्गिस्‍तान की खिलाड़ी का दबदबा रहा लेकिन साक्षी इस चुनौती से उबरने में कामयाब रहीं. मैच के पहले पीरियड में किर्गिस्‍तान की खिलाड़ी ने शुरू में ही साक्षी के पैर को पकड़कर खींचा और इस तरह दो प्‍वाइंट हासिल किए.

रियो डि जिनेरियो: भारत के राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपींचद का मानना है कि पी वी सिंधू को अपने डिफेंस को बेहतर करना होगा क्योंकि कल ओलंपिक खेलों के सेमीफाइनल में उनका मुकाबला विश्व की नंबर तीन नोजोमी ओखूरा से होगा। विश्व नंबर 10 सिंधू का नोजोमी के खिलाफ जीत हार का रिकार्ड 1-3 का रहा है। वह जापानी खिलाड़ी को 2012 में युवा अंडर-19 चैम्पियनशिप के अलावा कभी नहीं हरा सकी हैं और 2014, 2015 एवं इस वर्ष लगातार तीन मौकों पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। दुनिया की नंबर दो खिलाड़ी वांग यिहान के खिलाफ सिंधू की 22-20, 21-19 की संघषर्पूर्ण जीत के बाद गोपीचंद ने कहा, ‘वांग यिहान के खिलाफ जीत अच्छा था लेकिन मेरे अनुसार और बेहतर कर सकती है। कुछ क्षेत्रों में सुधार की गुंजाइश है।’ सिंधू ने अहम मौके पर यिहान को आसानी से छह अंक बनाने दिये और चीनी खिलाड़ी ने 19-18 से आगे हो गयी लेकिन आखिरकार 55 मिनट तक चले मुकाबले को भारतीय खिलाड़ी ने जीत लिया। इक्कीस वर्षीय भारतीय खिलाड़ी के बारे में कहा, ‘उसके खेल में निरंतरता नहीं रही है और कई बार उसने बढ़त गंवायी लेकिन मेरे ख्याल से यह उसके लिए सीख हासिल करने की चीज है। वह अब भी युवा है और उसकी उम्र उसके साथ है। मेरे ख्याल से वह जुझारू है और कर्म के प्रति समर्पित है।’ सिंधू की जीत को उनकी करियर की सबसे बड़ी जीत में से एक बताते हुए उनके कोच ने कहा, ‘मेरी राय में निश्चित तौर पर यह सबसे बड़ी जीतों में से एक है।

रियो डि जिनेरियो: दो बार विश्व चैम्पियनशिप की कांस्य पदक विजेता बैडमिंटन स्टार पी वी सिंधू ने लंदन ओलंपिक की रजत पदक विजेता दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी चीन की वांग यिहान को हराकर महिला एकल सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया और अब वह पदक से सिर्फ एक जीत दूर है ।इस मैच से पहले सिंधू का यिहान के खिलाफ रिकार्ड 2.4 का था । उसने बेहतरीन खेल दिखाते हुए 54 मिनट तक चले मुकाबले में 22-20, 21-19 से जीत दर्ज की । इस यादगार जीत से सिंधू ओलंपिक सेमीफाइनल में पहुंचने वाली दूसरी भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बन गई । लंदन में साइना ने यह कारनामा किया था । इस रोमांचक मुकाबले में दोनों खिलाड़ियों ने तेज रफ्तार रैलियां लगाई । शानदार स्ट्रोक्स भी लगाये गए और एक दूसरे पर हावी होने की पूरी कोशिश की गई । पहला गेम 29 मिनट तक चला जिसमें वांग ने 3-0 की बढत बना ली थी । सिंधू ने जल्दी ही स्कोर 5-5 से बराबर किया । सिंधु और मौजूदा विश्व नंबर-2 के बीच यह मैच 54 मिनट तक चला। वांग और सिंधु के बीच यह अब तक का सातवां मुकाबला था। तीन मैचों में सिंधु विजयी रही हैं जबकि शेष में वांग ने बाजी मारी है। सिंधु ने अहम पड़ाव पर वांग पर अपनी तीसरी जीत दर्ज करते हुए उन्हें ओलंपिक जैसे बड़े आयोजन से बाहर कर दिया है। अगले दौर में सिंधु का सामना जापान की निजोमी ओकुहारा से होगा। ब्रेक तक वांग ने 11-8 की बढत बना ली थी।

रियो डि जिनेरियो: रियो ओलंपिक में भारत की उम्मीदों को एक और झटका लगा। मंगलवार तड़के मुक्केबाजी में विकास कृष्ण यादव को क्वार्टरफाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। मेडल की बड़ी उम्मीद माने जा रहे विकास को मेंस मिडिलवेट 75 किलोग्राम वर्ग में उजबेकिस्तान के बॉक्सर बेक्टेमिर मेलीकुजीव के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही रियो में अभी तक भारत की मेडल की झोली खाली ही है। 24 वर्षीय विकास क्वार्टरफाइनल मुकाबले में लय में नजर नहीं आए और मुकाबला 0-3 से गंवा दिया। 20 वर्षीय मेलीकुजीव इससे पहले इसी साल विकास को एशियन चैम्पियनशिप में भी हरा चुके हैं। पहले राउंड में विकास ने कुछ अच्छे पंच लगाए और मेलीकुजीव पर दबाव बनाने में कामयाब रहे। लेकिन इसके बाद मेलीकुजीव ने वापसी की और मैच 3-0 से अपने नाम कर लिया।

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