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नई दिल्ली: मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा ऑटो सेक्टर में छाई मंगी के लिए एप बेस्ड कैब सेवा प्रदाता कंपनी ओला और उबर को जिम्मेदार बताने के बाद सोशल मीडिया पर बुधवार को इसका खूब मजाक बनने लगा। लोगों का कहना है कि अर्थव्यवस्था में छाई मंदी को लेकर के वित्त मंत्री का ज्ञान अधूरा है।

वहीं मारुति सुजुकी इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग एंड सेल्स) शशांक श्रीवास्तव ने बुधवार को कहा कि ओला और उबर जैसी सर्विस को ऑटो इंडस्ट्री में मंदी की ठोस वजह नहीं माना जा सकता। क्योंकि ओला और उबर पिछले 7 साल से हैं। जबकि इस दौरान ऑटो इंडस्ट्री ने काफिया अच्छा समय भी देखा है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से गाड़ियों की बिक्री तेजी से क्यों घटी? ऐसे में सिर्फ ओला और उबर को ही इसकी अहम् वजह नहीं मानी जा सकती।

 

भारत में 46 फीसदी ग्राहक पहली कार खरीदने वाले होते हैं

शशांक श्रीवास्तव ने यह बताया कि अमेरिका में उबर एक बड़ी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी है। लेकिन वहां पर पिछले कुछ सालों में गाड़ियों की बिक्री काफी तेज हुई है।ऑफिस जाने के लिए लोग ओला या उबर को चुन सकते हैं, लेकिन वीकेंड पर फैमिली के साथ बाहर जाने के लिए अपनी पर्सनल गाड़ी की ही जरूरत पड़ती है। भारत में 46 फीसदी वो ग्राहक होते हैं जो पहली बार कार खरीदते हैं।

मंदी की ये भी है वजह

श्रीवास्तव ने आगे बताते हुए कहा कि भारत में लोग महत्वाकांक्षा के नजरिए से कार खरीदते हैं। ऑटो सेक्टर में मंदी की कई वजह हैं जैसे, लोगों के पास कैश की कमी, ज्यादा टैक्स, महंगा बीमा और रेग्युलेटरी मुद्दों के चलते कीमतें बढ़ना जैसी वजह शामिल हैं। हमारी सरकार ने पिछले महीने जो ऐलान किए वे फिलहाल मंदी से निपटने के लिए काफी नहीं हैं लेकिन, वे लॉन्ग टर्म के हिसाब से मददगार साबित होंगे।

सियाम के चौंकाने वाले आंकड़े

सियाम (सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स ) के अनुसार अगस्त में वाहन बिक्री 23.55 फीसदी घटी हैं। जबकि अप्रैल से अगस्त तक 15.89 फीसदी गिरावट देखने को मिली है। पिछले 10 महीने से गाड़ियों की बिक्री लगातार गिर रही है। फेस्टिव सीजन शुरू होने वाला है ऐसे में कार कंपनियों को उम्मीद है कि त्योहारी त्योहरी सीजन में बिक्री बढ़ सकती है।

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