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नई दिल्ली: देश में काम कर रहीं चीनी मोबाइल कंपनियों पर इनकम टैक्स के क्रैकडाउन की खबर आई है। जानकारी है कि आयकर विभाग पूरे देश में चाइनीज़ मोबाइल कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी कर रहा है। खबर है कि देश के कई बड़े शहरों में स्थित कई चाइनीज कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी हो रही है। आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी थी कि आयकर विभाग ने चीनी मोबाइल फोन निर्माताओं से जुड़ी इकाइयों के खिलाफ कर चोरी के आरोप में बुधवार को विभिन्न राज्यों में छापेमारी की। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और दक्षिण के कुछ राज्यों में स्थित परिसरों पर छापेमारी की जा रही है।

आयकर विभाग की कार्रवाई आज सुबह 9 बजे से शुरू हुई है। विभाग दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, मुंबई, हैदराबाद और बैंगलोर में छापेमारी कर रहा है। दरअसल, ऐसी खबर सामने आ रही है कि इन चाइनीज कंपनियों पर शेल कंपनियों के जरिये टैक्स चोरी का आरोप लगा है, जिनकी विभाग जांच कर रहा है।

सूत्रों ने कहा कि इन कंपनियों के कुछ विक्रेताओं और वितरण साझेदारों के खिलाफ भी छापेमारी की जा रही है।

नई दिल्‍ली: थोक महंगाई दर में नवंबर माह में बढ़ोत्‍तरी हुई है। सरकार के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य-आधारित मुद्रास्फीति नवंबर माह में 14.23% फीसदी दर्ज हुई जबकि अक्‍टूबर में यह 12.54% थी। लगातार आठ माह से महंगाई दर दोहरी संख्‍या में बनी हुई है, इसकी शुरुआत इस वर्ष अप्रैल माह से हुई थी। वैसे भी अप्रैल 2005 के बाद यह सबसे 'ऊंचा उछाल' है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा, "नवंबर 2021 में मुद्रास्फीति की दर मुख्य रूप से खनिज तेलों, मूल धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, रसायन और रासायनिक उत्पादों, खाद्य उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण पिछले साल इसी महीने की तुलना में ज्यादा है। "नवंबर में ईंधन और विद्युत वर्ग में मुद्रास्फीति बढ़कर 39.81 प्रतिशत हो गई, जबकि अक्टूबर में यह 37.18 प्रतिशत थी। खाद्य सूचकांक पिछले महीने के 3.06 प्रतिशत की तुलना में दोगुने से अधिक बढ़कर 6.70 प्रतिशत हो गया।

समीक्षाधीन महीने में कच्चे पेट्रोलियम की मुद्रास्फीति 91.74 प्रतिशत रही, अक्टूबर में यह 80.57 प्रतिशत थी।

नई दिल्‍ली: देश में नवंबर में खुदरा महंगाई दर एक बार फिर बढ़ी है। इसके पीछे तेल और खाद्यान्‍नों की कीमतों में इजाफा इसकी मुख्‍य वजह रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर 4.91 प्रतिशत पर पहुंच गई जो कि अक्टूबर में 4.48 प्रतिशत थी।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इस साल अक्टूबर में 4.48 प्रतिशत और नवंबर, 2020 में 6.93 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, इस साल नवंबर महीने में खाद्य मुद्रास्फीति 1.87 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने में 0.85 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा तय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई दर पर गौर करता है। उसका मानना है कि मुद्रास्फीति का आंकड़ा चालू वित्त वर्ष की बची हुई अवधि में ऊंचा रहेगा क्योंकि तुलनात्मक आधार का प्रभाव अब प्रतिकूल हो गया है। रिजर्व बैंक के अनुसार, मुख्य मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में उच्चस्तर पर रहेगी।

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने रविवार को निवेशकों को आगाह किया कि वे मोटी कमाई के पीछे भागते वक्त सावधान रहें, क्योंकि उसमें बड़ी जोखिम रहती है। गर्वनर दास ने कहा कि निवेशकों या जमाकर्ताओं को स्वयं भी बहुत समझदार होने की आवश्यकता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उच्च रिटर्न या उच्च ब्याज दरों से अक्सर उच्च जोखिम जुड़ी होती है। सिर्फ इसलिए कि एक बैंक ज्यादा ब्याज की पेशकश कर रहा है तो उसका पीछा करते हुए उसमें पैसा लगाने से पहले बहुत सावधान रहना चाहिए। 

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने यह भी कहा कि ऐसे संस्थान भी हैं, जो उच्च रिटर्न दे रहे हैं और वे आर्थिक रूप से सक्षम भी हैं, लेकिन जमाकर्ताओं को हमेशा बहुत सतर्क रहना चाहिए। दिल्ली में आयोजित 'डिपॉजिटर्स फर्स्ट' कार्यक्रम में गवर्नर दास ने कहा कि रिजर्व बैंक इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि बैंकिंग तंत्र मजबूत और लचीला बना रहना चाहिए, लेकिन यह साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हर हितधारक चाहे वह बैंकों का प्रबंधन हो, चाहे वह बैंकों का बोर्ड हो, चाहे वह बैंकों की विभिन्न समितियां हों, लेखा परीक्षा समिति, जोखिम प्रबंधन समिति या कोई अन्य नियामक प्राधिकरण हो, हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है। 

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