नई दिल्ली: आरबीआई मोनेटरी पालिसी की दिसंबर महीने की बैठक में नीतिगत दरों को एक बार फिर से नहीं बदला गया है। ओमिक्रॉन की चिंता के बीच रबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा समिति ने बेंचमार्क रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। रेपो रेट एक बार फिर 4% पर बरकरार रखा गया है। रेपो रेट को 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। बता दें कि रेपो रेट उस दर को कहते हैं, जिसपर आरबीआई बैंकों को शॉर्ट टर्म उधार देती है और रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं, जिसपर वो बैंकों से उधार लेती है। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के चलते देश में अनिश्चितता के हालात पैदा होने से बाजार विश्लेषकों का मानना था कि इस बार भी आरबीआई नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि समिति ने कोविड-19 के बीच अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए अपने 'एकोमोडेटिव स्टान्स' को अपनाए रखने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इकॉनमिक रिकवरी तेज हो रही है, लेकिन इतनी मजबूत नहीं है कि अपने दम पर सतत तेजी जारी रख सके।
गवर्नर ने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन के संक्रमण के चलते आउटलुक नकारात्मक दिख रहा है।
आरबीआई ने इस बार भी वित्तवर्ष 2021-22 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.5% पर बनाए रखा है।