ताज़ा खबरें
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

नई दिल्ली: नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण द्वारा 'एक बाबा' से राय लेने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। इस मामले पर आयकर विभाग ने एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण के घर पर तलाशी की है। वहीं तत्कालीन ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम के परिसरों में भी तलाशी चल रही है। दरअसल, सेबी की पूछताछ में एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा ने खुलासा किया था कि वो शेयर बाजार के मामलों में हिमालय के एक अज्ञात योगी से राय मशविरा करती थीं। इतनी संवेदनशील जानकारियां किसी और को दिए जाने को लेकर यह मामला गरमा गया है।

यह मामला आनंद सुब्रमण्यम को मुख्य रणनीतिक सलाहकार के रूप में नियुक्ति और उनका पदनाम बदलकर चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर और एमडी के सलाहकार किये जाने में कंपनी संचालन में खामियों से जुड़ा है। सेबी के आदेश के अनुसार, अप्रैल, 2013 से दिसंबर, 2016 तक एनएसई की एमडी एवं सीईओ पद पर रहीं रामकृष्ण कथित तौर पर हिमालय में रहने वाले इस योगी को 'शिरोमणि' कहकर बुलाती रही हैं।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22,842 करोड़ रुपये की एबीजी शिपयार्ड बैंक धोखाधड़ी में पहली शिकायत दर्ज कराने में लगे पांच साल का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि यह धोखाधड़ी औसत से कम समय में पकड़ी गई और इस मामले में कार्रवाई चल रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि एबीजी शिपयार्ड को पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में कर्ज दिया गया था और कंपनी का खाता भी उसी के कार्यकाल में 30 नवंबर, 2013 को एनपीए (फंसा हुआ कर्ज) हुआ था। सभी कर्जदाता बैंकों द्वारा मार्च 2014 में कर्ज का पुनर्गठन किया गया था, लेकिन इससे कुछ फायदा नहीं हो सका।

वित्त मंत्री ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड के निदेशकों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, 'इस मामले में बैंकों को श्रेय मिलेगा। उन्होंने इस तरह की धोखाधड़ी को पकड़ने के लिए औसत से कम समय लिया।' उन्होंने कहा कि आमतौर पर बैंक इस तरह के मामलों को पकड़ने में 52 से 56 माह का समय लेते हैं और उसके बाद आगे की कार्रवाई करते हैं।

नई दिल्ली: देश में खुदरा महंगाई 6.01 फीसदी पर पहुंच गई है। यह छह माह में खुदरा महंगाई का सबसे उच्चतम स्तर है। खुदरा महंगाई के स्तर को फल और सब्जियों के दामों का असर माना जा रहा है। साथ ही कच्चे तेल के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं और इस कारण भी मुद्रास्फीति पर असर देखा जा रहा है। इससे पहले दिसंबर में मुद्रास्फीति 5.59 फीसदी रही थी। जबकि नवंबर 2021 में यह 4.91 फीसदी थी। अगर जनवरी 2022 की खुदरा महंगाई की बात करें तो यह पिछले साल इसी अवधि से करीब दो फीसदी ज्यादा है। जनवरी 2021 में खुदरा महंगाई 4.06 प्रतिशत थी।

जनवरी 2022 से पहले महंगाई जुलाई 2021 में 6.60 फीसदी के रिकॉर्ड स्तर पर थी। लेकिन इसके बाद इसमें गिरावट आई थी। लेकिन सितंबर 2021 में 4.35 प्रतिशत तक नरम पड़ गई थी। हालांकि त्योहारी सीजन में आखिरी महीनों में इसने फिर तेजी पकड़ी और अब यह फिर से 6.01 फीसदी पर जा पहुंची है।

रिजर्व बैंक ने भी महंगाई के छह फीसदी के आसपास रहने का अनुमान लगाया था।

मुंबई: बजाज मोटर्स के संस्थापक राहुल बजाज का शनिवार को निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे। बजाज 50 साल तक अपनी खड़ी की हुई कंपनी के चेयरमैन भी रहे। उन्हें सरकार ने 2001 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। राहुल बजाज भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता जमनालाल बजाज के पोते थे। राहुल ने अपनी पढ़ाई दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से की। उन्होंने मुंबई के लॉ यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री भी हासिल की।

राहुल बजाज ने 1965 में बजाज समूह की कमान संभाली थी। उस समय भारत एक बंद अर्थव्यवस्था थी। उन्होंने कंपनी का नेतृत्व करते हुए बजाज चेतक नाम का स्कूटर बनाया। इस स्कूटर को काफी नाम मिला और इसे भारत के मध्यम वर्गीय परिवार की आकांक्षा का सूचक माना गया। इसके बाद कंपनी लगातार आगे बढ़ती चली गई। नब्बे के दशक में जब भारत में उदारीकरण की शुरुआत हुई और भारत एक खुली अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ गया और जापानी मोटर साइकिल कंपनियों से भारतीय दुपहिया वाहनों को कड़ी टक्कर मिलने लगी, उस समय भी राहुल बजाज ने कंपनी को आगे बढ़ाया।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख