नई दिल्ली: थोक महंगाई दर में नवंबर माह में बढ़ोत्तरी हुई है। सरकार के मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, थोक मूल्य-आधारित मुद्रास्फीति नवंबर माह में 14.23% फीसदी दर्ज हुई जबकि अक्टूबर में यह 12.54% थी। लगातार आठ माह से महंगाई दर दोहरी संख्या में बनी हुई है, इसकी शुरुआत इस वर्ष अप्रैल माह से हुई थी। वैसे भी अप्रैल 2005 के बाद यह सबसे 'ऊंचा उछाल' है।
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा, "नवंबर 2021 में मुद्रास्फीति की दर मुख्य रूप से खनिज तेलों, मूल धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, रसायन और रासायनिक उत्पादों, खाद्य उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण पिछले साल इसी महीने की तुलना में ज्यादा है। "नवंबर में ईंधन और विद्युत वर्ग में मुद्रास्फीति बढ़कर 39.81 प्रतिशत हो गई, जबकि अक्टूबर में यह 37.18 प्रतिशत थी। खाद्य सूचकांक पिछले महीने के 3.06 प्रतिशत की तुलना में दोगुने से अधिक बढ़कर 6.70 प्रतिशत हो गया।
समीक्षाधीन महीने में कच्चे पेट्रोलियम की मुद्रास्फीति 91.74 प्रतिशत रही, अक्टूबर में यह 80.57 प्रतिशत थी।
हालांकि, विनिर्मित वस्तुओं में अक्टूबर के 12.04 प्रतिशत की तुलना में नवंबर में 11.92 प्रतिशत के साथ गिरावट दर्ज की गयी। सोमवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (संयुक्त) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर में बढ़कर तीन महीने के उच्च स्तर 4.91 प्रतिशत पर पहुंच गयी, जो एक महीने पहले 4.48 प्रतिशत थी। इसकी वजह खाद्य कीमतों में हुई वृद्धि है। हालांकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति, भारतीय रिजर्व बैंक के लिहाज से सहज बना रहा। सरकार ने केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (+/- 2 प्रतिशत) पर रखने को कहा है।