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नई दिल्ली: जीएसटी परिषद की बैठक में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों को मंजूरी दे दी गई है। जीएसटी परिषद ने आम सहमति से जीएसटी के लिए 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी की दरें तय की हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जीएसटी दर पर सभी फैसले सर्वसम्मति से लिए गए हैं। सरकार तय समय सीमा में जीएसटी को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 12 फीसदी और 18 फीसदी जीएसटी के स्टैंडर्ड रेट होंगे। लग्जरी कार और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर 28 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा। लग्जरी कार और तंबाकू प्रोडक्ट्स पर टैक्स के साथ सेस भी लगेगा। सीपीआई में शामिल 53 फीसदी उत्पाद पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। ज्यादा खपत वाले उत्पाद पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा। जेटली ने कहा कि सोने पर टैक्स रेट का फैसला बाद में लिया जाएगा। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, हमने (जीएसटी परिषद ने) जीएसटी दरों को अंतिम रूप दे दिया है। इसके तहत 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार स्तर की दरें तय की गई हैं। प्रमुख बातें इस प्रकार से हैं, जीएसटी के तहत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में शामिल खाद्यान्न सहित आम व्यक्तियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली 50 प्रतिशत वस्तुओं पर शून्य कर लगेगा। आम लोगों की सामान्य उपभोग की वस्तुओं पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत होगी। जीएसटी में 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो मानक दरें होंगी। जिन वस्तुओं पर इस समय उत्पाद शुल्क और वैट सहित कुल 30-31 प्रतिशत कर लगता है उन पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत होगी।

उच्चतम दर के प्राप्त होने वाले कर से अतिरिक्त राजस्व आय का इस्तेमाल आवश्यक उपभोग की वस्तुओं पर कर की दर 5 प्रतिशत रखने में किया जाएगा और आम उपभोग की कुछ वस्तुओं को 18 प्रतिशत के दायरे में हस्तांतरित किया जायेगा। लक्जरी कारों, तंबाकू, कार्बोरेटेड पेय पदार्थों पर उपकर लगाया जायेगा और इसके साथ इनपर स्वच्छ ऊर्जा उपकर के अलावा एक और उपकर लगाया जाएगा उपकर से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल राज्यों को राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए किया जाएगा। उपकर के जरिये बनने वाला ‘मुआवजा कोष’ पांच साल के लिए रहेगा। जीएसटी लागू होने के पहले साल में राज्यों को उनके राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए 50,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।

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