नई दिल्ली: केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) के एक उपक्रम छोड़कर दूसरे उपक्रम अथवा राज्य सरकारों के प्रतिष्ठानों में जाने वाले कर्मचारियों के सेवानिवृति लाभ यथावत बने रहेंगे। लोक उपक्रम विभाग ने यह जानकारी दी है। विभाग ने ‘तकनीकी औपचारिकताओं’ के आधार पर इस्तीफा देने वाले कर्मचारियों के मामले में स्पष्टीकरण जारी करते हुये यह जानकारी दी है। इस मुद्दे को लेकर पिछले कई साल से भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के कर्मचारियों के मामले में सेवानिवृति लाभ लेने के लिये तकनीकी औपचारिकता क्या है। विभाग ने अब स्पष्टीकरण जारी करते हुये कहा है कि जहां कोई सीपीएसई कर्मचारी उसी उपक्रम अथवा दूसरे सीपीएसई में उपयुक्त प्रक्रिया से आवेदन करता है और उस पद में उसका चुनाव हो जाने पर उसे प्रशासनिक कारणों से पिछले पद से इस्तीफा देना पड़ता है, ऐसे मामले ‘तकनीकी औपचारिकता उपबंध’ के तहत आते हैं।’ इसमें यह भी कहा गया है कि जिन मामलों में दूसरे कारणों से इस्तीफा दिया गया है अथवा सक्षम प्राधिकरण ने दूसरे पद के लिये कर्मचारी के आवेदन को उचित प्रक्रिया के तहत मंजूरी नहीं दी है, उसे इस्तीफा माना जायेगा और ऐसी स्थिति में कर्मचारी को पिछले सेवा के लाभ उपलब्ध नहीं होंगे। केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में 2014-15 के दौरान अनुबंधित कर्मचारियों को छोड़कर 12.91 लाख कर्मचारी हैं जबकि 2013-14 में यह संख्या 13.49 लाख थी।
वर्ष 2014-15 में सभी 235 सीपीएसई का कुल कारोबार 19,95,902 करोड़ रुपये रहा जबकि इससे पिछले वर्ष यह 20,66,057 करोड़ रुपये रहा था। विभाग ने इससे पहले केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों में पेंशन और सेवानिवृति चिकित्सा लाभ योजना पर 2014 में जारी एक कार्यालय ज्ञापन में कहा है कि तकनीकी औपचारिकता उपबंध के तहत दिये गये इस्तीफे को छोड़कर अनिवार्य सेवानिवृति, अनुशासनात्मक कारवाई के तहत बख्रास्त अथवा हटाने पर कोई भी लाभ सदस्य के योगदान, यदि कोई है तो, तथा उस पर मिलने वाले ब्याज पर आधारित होगा। हालांकि, इसमें ‘तकनीकी औपचारिकता’ शब्द का मतलब स्पष्ट नहीं किया गया था।