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नई दिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि मनी लांड्रिंग या मुखौटा कंपनी के परिचालन के लिए किसी बैंक खाते का यदि संदिग्ध तौर पर दुरूपयोग करने का मामला सामने आता है तो खाते में कम राशि जमा होने के बावजूद स्वच्छ धन अभियान के तहत कोई माफी नहीं दी जाएगी। खातों में जमा की गई नकद राशि सही स्रोत से है या नहीं के बारे में सीबीडीटी ने विशेष दिशानिर्देश जारी किए हैं। स्वच्छ धन अभियान के तहत कर अधिकारियों ने 18 लाख लोगों से संपर्क किया है। इसमें कहा गया है कि यदि यह सामने आता है कि किसी बैंक खाते का दुरूपयोग मनी लांड्रिंग, कर चोरी या मुखौटा कंपनी के परिचालन के लिए किया गया है तो उनके साथ रियायत नहीं बरती जाएगी। इससे पहले जारी निर्देशों में यह स्पष्ट कर दिया गया था कि यदि कोई व्यक्ति (नाबालिग को छोड़कर), जिनकी कारोबारी आय नहीं है, के मामले में नकद जमा ढाई लाख रुपये होने तक किसी तरह का सत्यापन या जांच नहीं की जाएगी।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भारतीय कंपनियों से कहा कि वे कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) गतिविधियो के लिए निरपेक्ष भाव से काम करें और सिर्फ उन प्रस्तावों को ही आगे नहीं बढ़ाएं जो उनके निजी हित को पूरा करते हैं। जेटली ने मंगलवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैं कहूंगा कि पिछले दो-तीन साल में सीएसआर खर्च को लेकर अच्छी शुरआत हुई है। यह अच्छी तरह से इसके लिए शुरू हुआ है क्यांेकि हमने पूरे सीएसआर की गणना नहीं की। यदि पहले साल इसे उचित तरीके से क्रियान्वित किया जाता तो यह 14,000 करोड़ रपये के करीब होता। लेकिन पूरी राशि का निवेश नहीं हुआ।’ अनिवार्य सीएसआर खर्च को 2013 में पेश किया गया और इसका क्रियान्वयन 2014 से शुरू हुआ। जेटली ने इस बात पर क्षोभ जताया कि सीएसआर खर्च को लेकर समझ की कमी और इससे इसका उद्देश्य पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अब हर बीतते साल के साथ यह विचार बेहतर तरीके से काम कर रहा है। लेकिन इस मामले में कड़ा अनुशासन बरतने की जरूरत है और कंपनियों को इसका इस्तेमाल अपने निजी हित के प्रस्तावों पर नहीं करना चाहिए।

नई दिल्ली: आर्थिक शोध संस्था नोमुरा के मुताबिक भारत में आर्थिक गतिविधियों में हालांकि, जनवरी में कुछ सुधार दिखा है लेकिन यह बहुत व्यापक नहीं है और कुल मिलाकर आर्थिक गतिविधियां नोटबंदी से पूर्व के स्तर से नीचे बनी हुई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में शुरू हुई आर्थिक सुस्ती अब जनवरी-मार्च तिमाही में भी अपना असर दिखाने लगी है। नोमुरा इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने एक शोध पत्र में कहा, ‘‘कुल मिलाकर नोमुरा का आर्थिक गतिविधियों की गति में घटबढ को दर्शाने वाला सूचकांक बताता है कि दिसंबर में गतिविधियां काफी कमजोर हुई है। जनवरी में हालांकि, इससे बेहतर दिखता है लेकिन अभी गतिविधियां व्यापक नहीं है और यह नोटबंदी से पहले के स्तर से नीचे बनी हुई हैं।’’ रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि नये नोट जारी करने का काम बेहतर ढंग से आगे बढ़ रहा है और लेनदेन मांग मार्च अंत तक स्थिर हो जाने की उम्मीद है। ‘‘10 फरवरी को प्रचलन में आये कुल नोट सकल घरेलू उत्पाद :जीडीपी: का 7.2 प्रतिशत थे। एक जनवरी को यह स्तर 5.9 प्रतिशत पर था। हम मार्च अंत तक इस अनुपात के 9 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं। इस स्तर पर लेनदेन मांग को स्थिर करने में मदद मिलेगी।’’ नोमुरा को लगता है कि कैलेंडर वर्ष 2016 की तीसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में जीडीपी वद्धि दर धीमी पड़कर 7.3 प्रतिशत से चौथी तिमाही अक्तूबर-दिसंबर में 6 प्रतिशत और 2017 की पहली तिमाही जनवरी-मार्च में 5.7 प्रतिशत रह जायेगी।

नई दिल्ली: टाटा संस के मनोनीत चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन को समूह की दुधारू गाय कही जाने वाली टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का भी चेयरमैन नियुक्त किया गया है। उन्होंने आज (मंगलवार) से कंपनी के चेयरमैन का पदभार संभाल लिया है। देश की सबसे बड़ी साफ्टवेयर सेवाप्रदाता ने वी रामाकृष्णन को अपना मुख्य वित्त अधिकारी (सीईओ) भी नियुक्त किया है। वह राजेश गोपीनाथन का स्थान लेंगे। गोपीनाथन टाटा समूह की कंपनी के सीईओ और प्रबंध निदेशक का पद संभालेंगे। बंबई शेयर बाजार को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा कि टीसीएस को टाटा संस से पत्र मिला है जिसमें कंपनी के संविधान की धारा 90 के तहत अधिकारांे का इस्तेमाल कर एन. चंद्रशेखरन को इशात हुसैन के स्थान पर कंपनी के निदेशक मंडल का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति 21 फरवरी, 2017 से प्रभावी होगी।

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