नई दिल्ली: विशाल सिक्का ने इनफोसिस के प्रबंध निदेशक और सीईओ पद से इस्तीफा दिया। अब उनकी जगह यूबी प्रवीण राव को कंपनी के अंतरिम एमडी और सीईओ की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। विशाल सिक्का का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार करते हुए कंपनी ने उन्हें प्रमोशन देकर एग्जिक्युटिव वाइस चेयरमेन बना दिया है। दरअसल, कंपनी में कामकाज की संस्कृति में बदलाव, वेतन वृद्धि, नौकरी छोड़नेवाले कर्मचारियों की बढ़ती तादाद, कंपनी छोड़नेवालों को दिए जानेवाले मुआवजे (सेवरेंस पे) आदि को लेकर प्रमोटर लगातार आवाज उठाते रहे। खासकर, कंपनी के सह-संस्थापक नारायणमूर्ति इन मुद्दों पर काफी मुखर रहे। कंपनी के पूर्व सीएफओ राजीव बंसल को मिले सेवरेंस पे पर उन्होंने गहरी आपत्ति जताई। इंफोसिस के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विशाल सिक्का के इस्तीफे के बाद कंपनी का शेयर आज शुरूआती कारोबार में छह प्रतिशत से अधिक लुढ़क गया। कंपनी ने बंबई शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि इंफोसिस के निदेशक मंडल ने आज हुई बैठक में विशाल सिक्का का प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी पद से इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया।
इस घोषणा से कंपनी का शेयर कल के बंद भाव के मुकाबले 6.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 958.00 पर आ गया। नेशनल स्टाक एक्सचेंज में यही स्थिति रही। कंपनी का शेयर 1,017.90 पर खुला और कल के बंद भाव के मुकाबले 6.71 प्रतिशत की गिरावट के साथ 952.30 पर पहुंच गया। इंफोसिस के इस विवाद की जड़ में पूर्व चीफ फाइनेंनशियल ऑफिसर राजीव बंसल को दिया गया हर्जाना भत्ता है। बंसल को कंपनी ने 24 महीने की सैलरी कंपनी छोड़ते वक्त दी थी। इस रकम पर सेबी ने सवाल उठाया था जिसके बाद नारायण मूर्ति समेत अन्य फाउंडर्स ने विशाल सिक्का समेत कुछ शीर्ष अधिकारियों को कंपनी से मिल रही सैलरी और हर्जाने पर सवाल खड़ा कर इंफोसिस बोर्ड के सामने सवाल खड़ा कर दिया था।