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कीव: पारंपरिक व रणनीतिक सैन्य ताकत के लिहाज से भले ही रूस का पलड़ा भारी हो, लेकिन तीन माह से ज्यादा खिंच चुके इस युद्ध में अब तक यूक्रेन उसे कड़ी चुनौती देता आया है। यूक्रेनी व पश्चिमी आकलनों के मुताबिक, रूस को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। बौखलाहट में अब रूस महाविनाश के हथियारों का इस्तेमाल कर रहा है। शनिवार को ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रूसी सेना भारी तबाही मचाने वाले घातक हथियारों का इस्तेमाल बढ़ाने की योजना बना रही है।

केएच-22 मिसाइलें दागीं

ब्रिटिश दावे के मुताबिक, रूसी बमवर्षक विमान यूक्रेन में केएच-22 मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये मिसाइलें परमाणु हमले में भी सक्षम हैं। इनका पहली बार 1960 के दशक में इस्तेमाल किया गया था। रूस ने इन मिसाइलों को विमान वाहक युद्धपोतों को नष्ट करने के लिए बनाया था। 5.5 टन वजन वाली मिसाइलों का जमीनी हमलों में इस्तेमाल भयानक साबित हो रहा है।

वाशिंगटन: निर्दोष लोगों और बच्चों पर गोलीबारी की घटनाओं से आजिज अमेरिका के हजारों लोगों ने शनिवार को राजधानी वाशिंगटन समेत देश के तमाम शहरों में जुलूस निकालकर सरकार की बंदूक नीति पर विरोध जताया। उन्होंने कानून में ऐसे बदलाव की मांग की जिससे हथियारों के दुरपयोग और हिंसा पर रोक लग सके।

राष्ट्रपति बाइडन ने किया समर्थन

लोगों में मई महीने में टेक्सास के स्कूल में हुई गोलीबारी की घटना को लेकर खासतौर पर गुस्सा और दुख था। उस घटना में ज्यादातर नन्हें बच्चे मारे गए थे। मार्च फार अवर लाइव्स (एफओएल) के बैनर तले इस जुलूस का आयोजन बंदूक से बचाव करने की मांग वाले समूह ने किया था। इस समूह में 2018 में फ्लोरिडा के पार्कलैंड के हाईस्कूल में हुई गोलीबारी की घटना के पीड़ित हैं। इस समूह ने अमेरिका में शनिवार को 450 शहरों-कस्बों में जुलूस निकालकर बंदूक नीति में बदलाव की मांग उठाई। समूह अपने उद्देश्य में काफी हद तक सफल भी रहा।

सिंगापुर: अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड जेम्स ऑस्टिन ने शनिवार को कहा कि चीन भारत के साथ सटी सीमाओं पर लगातार अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है। उन्होंने दोहराया कि अमेरिका अपने मित्रों के साथ खड़ा है, क्योंकि वे बीजिंग के जबरन युद्ध की स्थिति पैदा करने और क्षेत्रीय दावों को लेकर आक्रामक रुख अपनाने के बीच अपने अधिकारों की रक्षा कर रहे हैं।

सिंगापुर में शांगरी-ला संवाद में ऑस्टिन ने कहा कि चीन दक्षिण चीन सागर में अपने क्षेत्रीय दावों को लेकर आक्रामक रुख अपना रहा है और अपनी अवैध समुद्री योजनाएं को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा, "आगे पश्चिम की ओर हम बीजिंग को भारत के साथ सटी सीमाओं पर अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए देख रहे हैं।"

5 मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध

भारत और चीन की सेनाओं के बीच पांच मई 2020 से पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध बना हुआ है, जब पैंगोंग झील इलाके में दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई थी।

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार को पारित बहुभाषावाद संबंधी एक प्रस्ताव में पहली बार हिंदी भाषा का उल्लेख हुआ और भारत ने इस बात पर जोर दिया कि यह आवश्यक है कि संयुक्त राष्ट्र सच्ची भावना से बहुभाषावाद को अंगीकार करे। अंडोरा की तरफ से 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया, जिसका भारत समेत 80 से अधिक देशों ने अनुमोदन किया।

प्रस्ताव में ‘‘बहुभाषावाद को संयुक्त राष्ट्र सचिवालय की गतिविधियों में न्यायसंगत आधार पर शामिल करने'' की दिशा में उसकी जिम्मेदारी को रेखांकित किया गया है। प्रस्ताव छह आधिकारिक भाषाओं-अरबी, चाइनीज, अंग्रेजी, फ्रेंच, रशियन और स्पेनिश के अलावा संयुक्त राष्ट्र के अनाधिकारिक भाषाओं के उपयोग के प्रयासों को रेखांकित करता है। विशिष्ट स्थानीय लक्षित श्रोताओं के साथ संवाद के लिए उचित होने पर इन भाषाओं के उपयोग की बात का प्रस्ताव है। प्रस्ताव में बहुभाषावाद को बढ़ावा देने के लिए आधिकारिक भाषाओं के अतिरिक्त पुर्तगाली, हिंदी, फारसी, बांग्ला और उर्दू आदि अनाधिकारिक भाषाओं में महासचिव के संदेशों तथा कुछ हालिया महत्वपूर्ण संप्रेषणों को रेखांकित करने के संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक संचार विभाग के प्रयासों की सराहना की गयी है।

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