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वाशिंगटन: निर्दोष लोगों और बच्चों पर गोलीबारी की घटनाओं से आजिज अमेरिका के हजारों लोगों ने शनिवार को राजधानी वाशिंगटन समेत देश के तमाम शहरों में जुलूस निकालकर सरकार की बंदूक नीति पर विरोध जताया। उन्होंने कानून में ऐसे बदलाव की मांग की जिससे हथियारों के दुरपयोग और हिंसा पर रोक लग सके।

राष्ट्रपति बाइडन ने किया समर्थन

लोगों में मई महीने में टेक्सास के स्कूल में हुई गोलीबारी की घटना को लेकर खासतौर पर गुस्सा और दुख था। उस घटना में ज्यादातर नन्हें बच्चे मारे गए थे। मार्च फार अवर लाइव्स (एफओएल) के बैनर तले इस जुलूस का आयोजन बंदूक से बचाव करने की मांग वाले समूह ने किया था। इस समूह में 2018 में फ्लोरिडा के पार्कलैंड के हाईस्कूल में हुई गोलीबारी की घटना के पीड़ित हैं। इस समूह ने अमेरिका में शनिवार को 450 शहरों-कस्बों में जुलूस निकालकर बंदूक नीति में बदलाव की मांग उठाई। समूह अपने उद्देश्य में काफी हद तक सफल भी रहा।

वाशिंगटन में हल्की बारिश के बावजूद लोग नेशनल माल के नजदीक एकत्रित हुए और वाशिंगटन स्मारक तक गए। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने टेक्सास और अन्य घटनाओं का उल्लेख करके संसद से असाल्ट वेपन के खरीदार की पृष्ठभूमि की जानकारी करने और सतर्कता वाले अन्य कदम उठाने वाले बदलावों का अनुरोध किया है। बाइडन ने स्वयं भी शनिवार को निकाले गए जुलूस का समर्थन किया। कहा, नौजवानों ने सड़क पर निकलकर संसद को देश के बहुसंख्यक लोगों का संदेश दिया है। उनके संदेश का समर्थन करता हूं और संसद से अनुरोध करता हूं कि वह भी कुछ करें।

राष्ट्रपति बाइडन ने पिछले हफ्ते अमेरिका में बड़े पैमाने पर गोलीबारी की घटनाओं में वृद्धि के बीच सेमी-आटोमैटिक, असाल्ट-स्टाइल राइफल्स और उच्च क्षमता वाली मैगजीन पर प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। साथ ही उन्होंने देश में हथियारों को खरीदने के लिए न्यूनतम आयु को 18 से बढ़ाकर 21 करने का भी आह्वान किया था।

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