ताज़ा खबरें
संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार को एक मस्जिद में हुए बम विस्फोट में करीब 20 लोगों के मारे जाने की खबर है। बताया जा रहा है विस्फोट में एक प्रमुख मौलवी की भी मौत हुई है। यह विस्फोट शहर के पीडी 17 इलाके में स्थित सिद्दीकिया मस्जिद में हुआ है। काबुल सुरक्षा विभाग के प्रवक्ता खालिद जादरान ने विस्फोट की खबर को लेकर पुष्टि की है। साथ ही उन्होंने बताया है कि घटनास्थल पर राहत कार्य जारी है और सुरक्षाबलों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित कर लिया है। घायलों में से 27 लोगों अब तक इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल धमाके को लेकर किसी भी आतंकि संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है।

बता दें, अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान को काबिज हुए एक साल पूरा हो गया। ऐसे में पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे देश में बम धमाकों के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है। पिछले गुरुवार काबुल में हुए एक बम धमाके में प्रमुख तालिबानी नेता की मौत हो गई थी। मारे गए तालिबानी नेता की पहचान रहीमुल्ला हक्कानी के रूप में की गई थी।

कीव: रूस से तेल खरीदने को लेकर यूक्रेन ने भारत पर अपनी भड़ास निकाली है। यूक्रेन का कहना है कि रूस से कच्चा तेल खरीदकर भारत यूक्रेन का खून खरीद रहा है। बता दें कि यूक्रेन पर रूस ने 24 फरवरी को हमला किया था। उसके बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। लेकिन भारत ने पश्चिमी देशों की आलोचना के बावजूद रूस से तेल खरीदना जारी रखा। भारत ने यूक्रेन युद्ध के बाद तेल आयात बढ़ाया है और उसके साथ व्यापार भी जारी रखा है।

इस मुद्दे पर यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन को भारत से "अधिक व्यावहारिक समर्थन" की उम्मीद है। एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, कुलेबा ने तर्क दिया कि यूक्रेन भारत का एक विश्वसनीय भागीदार रहा है, लेकिन रूस से कच्चा तेल खरीदकर, भारत असल में यूक्रेनी खून खरीद रहा है। भारत को लेकर यूक्रेन की ये सख्त टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि तेल एवं गैस की ‘‘अनुचित रूप से अधिक’’ कीमतों के बीच सरकार का अपने लोगों के प्रति “नैतिक दायित्व” है।

कोलंबो: चीन ने अपनी स्थिति साफ करते हुए मंगलवार को कहा कि उसके हाई-टेक अनुसंधान पोत की गतिविधियों से किसी भी देश की सुरक्षा प्रभावित नहीं होगी। साथ ही उसने यह भी कहा कि किसी भी "तीसरे पक्ष" द्वारा इसे "बाधित" नहीं किया जाना चाहिए। आपको बता दें कि श्रीलंका के रणनीतिक दक्षिणी बंदरगाह हंबनटोटा में चीनी जहाज की मौजूदगी को लेकर भारत और अमेरिका ने चिंता जाहिर की थी।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि 'युआन वांग 5' जहाज 'श्रीलंका की ओर से सक्रिय सहयोग' के साथ हंबनटोटा बंदरगाह पर 'सफलतापूर्वक' उतरा है। हालांकि, वांग ने श्रीलंका को वित्तीय सहायता देने से संबंधित एक प्रश्न को टाल दिया। आपको बता दें कि चीनी ऋण सहित 51 बिलियन अमरीकी डॉलर के विदेशी ऋण ने श्रीलंका को हाल ही में दिवालिया कर दिया।

बैलेस्टिक मिसाइल एवं उपग्रहों का पता लगाने में सक्षम जहाज 'युआन वांग 5' स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजकर 20 मिनट पर दक्षिणी बंदरगाह हंबनटोटा पहुंचा। यह 22 अगस्त तक वहीं रुकेगा।

नई दिल्लीः भारत की चिंताओं के बीच चीन का उपग्रह और मिसाइल निगरानी पोत श्रीलंका के बंदरगाह हम्बनटोटा पर आज सुबह पहुंच चुका है। श्रीलंका ने पहले ही इसकी अनुमति दे दी थी। खबरों के अनुसार, श्रीलंका ने पहले भारत और अमेरिका की चिंताओं के बीच चीन से अपने पोत को भेजने के कार्यक्रम को टालने को कहा था, लेकिन कुछ दिन बाद उसने चीन को जासूसी जहाज हम्बनटोटा बंदरगाह भेजने की अनुमति दे दी थी।

नई दिल्ली इस आशंका को लेकर चिंतित है कि चीनी पोत के ट्रैकिंग सिस्टम भारतीय प्रतिष्ठानों की जासूसी करने की कोशिश कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पिछले महीने कहा था, "हमें चीनी पोत द्वारा अगस्त में हंबनटोटा की प्रस्तावित यात्रा की रिपोर्ट की जानकारी है।"

उन्होंने कहा, "सरकार भारत की सुरक्षा और आर्थिक हितों से जुड़े किसी भी विकास की सावधानीपूर्वक निगरानी करती है और उनकी सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय करती है।" पिछले हफ्ते, चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कुछ देशों द्वारा तथाकथित सुरक्षा चिंताओं का हवाला देकर श्रीलंका पर दबाव बनाना अनुचित था। 

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख