न्यूयॉर्क: विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार लेखक सलमान रुश्दी को कल रात वेंटिलेटर से हटा दिया गया था। हालांकि, न्यूयॉर्क में एक साहित्यिक कार्यक्रम में हमले का शिकार हुए लेखक गंभीर रूप से घायल होने की वजह से अभी अस्पताल में भर्ती हैं।
चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन के अध्यक्ष, जहां लेखक को चाकू मारा गया था, ने एक ट्वीट में कहा कि सलमान रुश्दी को वेंटिलेटर से हटा दिया गया है और वह बात कर रहे हैं। वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, रुश्दी के एजेंट एंड्रयू वायली ने भी इस बात की पुष्टि की।
इधर, सलमान रुश्दी को छुरा घोंपने के आरोपी 24 वर्षीय हादी मटर ने खुद को बेकसूर बताया और कहा कि उसवे इस घटना को अंजाम नहीं दिया है। हालांकि, इसे एक अभियोजक ने "पूर्व नियोजित" अपराध कहा था।
अभियोजकों ने न्यूयॉर्क की एक अदालत में हादी मटर की पेशी के दौरान कहा कि लेखक की गर्दन और पेट में करीब 10 बार छुरा घोंपा गया है। आरोपी की सोशल मीडिया की प्रारंभिक समीक्षा ने उसे "शिया एक्सट्रीमिस्ट" और ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड (आईआरजीसी) के प्रति झुकाव वाला शख्स दर्शाया है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि रुश्दी कार्यक्रम में बोलने ही वाले थे कि संदिग्ध दौड़ कर स्टेज पर आया और उनपर चाकू से हमला कर दिया। इसके बाद दर्शकों में मौजूद लोगों ने उसे खींचकर स्टेज से नीचे उतारा। इस घटना में इंटरव्यूवर राल्फ हेनरी रीसि को भी चेहरे पर चोट आई, लेकिन इलाज के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। पुलिस ने इस बात की पुष्टि की।
सलमान रुश्दी को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी आपातकालीन सर्जरी हुई। उनके एजेंट के अनुसार, उनकी एक आंख जा सकती है। साथ ही उनके एक हाथ की नसें कट गई हैं और उनका लीवर भी खराब हो गया है।
सलमान रुश्दी पर हुए हमले की दुनिया भर में निंदा हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि लेखक आवश्यक और सार्वभौमिक आदर्शों - सत्य, साहस और लचीलापन के लिए खड़े हैं। राष्ट्रपति बिडेन ने कहा, "मैं पहले प्रतिक्रिया देने वालों और बहादुर व्यक्तियों का आभारी हूं, जो रुश्दी को सहायता प्रदान करने और हमलावर को वश में करने के लिए कूद पड़े।"
ब्रिटिश नेता बोरिस जॉनसन ने कहा कि वह "हैरान" हैं, जबकि कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हमले को "निंदनीय" और "कायरतापूर्ण" कहा।
75 वर्षीय लेखक रुश्दी 1981 में अपने दूसरे उपन्यास "मिडनाइट्स चिल्ड्रन" की वजह से सुर्खियों में आए, जिसने अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा और ब्रिटेन का प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार जीता।
उनकी 1988 में छपी एक किताब "द सैटेनिक वर्सेज" को कुछ मुसलमानों ने इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के प्रति अपमानजनक माना था। उपन्यास से नाराज ईरान के पहले सर्वोच्च नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने एक फतवा जारी किया था। फतवा में उनका सिर कलम करने का आदेश दिया गया था, जिसने उन्हें कई सालों तक छुपने के लिए मजबूर किया।
रुश्दी 2000 के दशक की शुरुआत में न्यूयॉर्क चले गए और 2016 में अमेरिकी नागरिक बन गए। जर्मनी की स्टर्न पत्रिका के साथ हाल ही में एक साक्षात्कार में रुश्दी ने बताया कि कैसे, इतने वर्षों तक मौत की धमकियों के साथ जीने के बाद, उनका जीवन फिर से सामान्य हो रहा था।