इस्लामाबाद: पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने भारत से कहा है कि उसका हित इसी में है कि वह कश्मीर पर किया गया ‘अवैध कब्जा’ समाप्त करे और चेतावनी दी कि इस लंबित विवाद के निपटारे में देरी क्षेत्रीय शांति के लिये ‘खतरा’ पैदा कर सकती है। ‘कायदे आजम’ मोहम्मद अली जिन्ना की जयंती पर शुक्रवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में एक कार्यक्रम के दौरान हुसैन ने कहा कि भारत को अपने हित में कश्मीर में जन भावना को स्वीकार करना चाहिए और क्षेत्र पर किया गया अवैध कब्जा खत्म करना चाहिए। ‘डॉन’ ने उनके हवाले से लिखा, ‘कब्जा करने वाले बलों (भारतीय) ने कश्मीरियों का दमन करने के लिये हर पाशविक रणनीति अपनायी। इतना ही नहीं, उन्होंने जानवरों को निशाना बनाने के लिए प्रयोग होने वाले पेलेट गन का बेकसूर और निहत्थे कश्मीरियों पर लगातार इस्तेमाल किया।’ उन्होंने दावा किया कि कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन और दमन विश्व की आत्मा को झकझोरने के लिये पर्याप्त है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आह्वान किया कि वह कश्मीरियों को उनके आत्मनिर्णय के अधिकार के इस्तेमाल में मदद करे। उन्होंने चेतावनी दी, ‘काफी लंबे समय से लंबित इस विवाद के निपटारे में आगे कोई भी देरी क्षेत्रीय शांति के लिये खतरा पैदा कर सकती है।’ हुसैन का यह भाषण कश्मीर के मुद्दे को रेखांकित करने के पाकिस्तान के प्रयासों का हिस्सा था।
भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले एक साल से अधिक समय में इस मुद्दे (कश्मीर के मुद्दे पर) को लेकर कटुता बढ़ गयी है। पिछले साल दक्षिण कश्मीर में 8 जुलाई को भारतीय सुरक्षा बलों के साथ हुई एक मुठभेड़ में हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद पाकिस्तान ने उसे ‘शहीद’ बताया था।