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वाशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ होने वाली पहली शिखर बैठक की जमीनी तैयारियों के सिलसिले में आज भारतीय नेता से मुलाकात की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने इस मुलाकात को लेकर ट्वीट किया, दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के लिए तैयारियां हो रही हैं । विदेश मंत्री रैक्स डब्ल्यू टिलरसन ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की। टिलरसन ने होटल विलार्ड इंटरकोंटिनेंटल में मोदी से मुलाकात की जहां प्रधानमंत्री ठहरे हुए हैं। मोदी की वाशिंगटन यात्रा से पूर्व टिलरसन ने कहा था कि उनकी इस यात्रा से भारत-अमेरिका संबंध मजबूत होंगे और आतंकवाद से मुकाबले तथा आथर्कि विकास को प्रोत्साहित करने के साझा हितों को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारत की निगरानी और खुफिया सूचना संग्रहण को मजबूती प्रदान करने के लिए अमेरिका द्वारा भारत को 22 गाडीर्अन ड्रोन बेचे जाने की रिपोर्टों के बीच अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने आज यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। मैटिस और मोदी के बीच यह मुलाकात प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्हाइट हाउस में होने वाली पहली मुलाकात से पूर्व हुई। मैटिस ने होटल विलार्ड इंटरकोंटिनेंटल में प्रधानमंत्री से मुलाकात की जहां वह ठहरे हुए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल समेत वरिष्ठ भारतीय अधिकारी इस मुलाकात के दौरान मौजूद थे। दो से तीन अरब डालर मूल्य के 22 गाडीर्अन ड्रोनों की बिक्री संबंधी सौदे की औपचारिक रूप से घोषणा नहीं की गयी है लेकिन इसे भारत-अमेरिका संबंधों में महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है क्योंकि यह प्रमुख रक्षा साझेदार के दर्जे को कायार्न्वित करता है।

कोलंबस: आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) को समर्थन करने वाले एक आतंकवादी समूह ने ओहियो की कई सरकारी वेबसाइटों को हैक करने का दावा किया है। आतंकी समूह ने ओहियो राज्य की रिपब्लिकन सरकार के जॉन केचिस की वेबसाइट पर एक संदेश भेजकर कहा, ‘मुस्लिम देशों में बहने वाली रक्त की हर बूंद के लिए ट्रंप सहित आपको और आपके सभी लोगों को निशाने पर लिया जाएगा।’ संदेश समाप्त होने पर नीचे लिखा था, ‘टीम सिस्टम डीजे, मैं इस्लामिक स्टेट को समर्थन करता हूं।’ ऐसा ही एक संदेश ब्रोकहेव, न्यूयॉर्क शहरों की हॉवर्ड काउंटी, मैरीलैंड सरकारों की वेबसाइटों पर भी भेजा गया। आतंकी समूह ने इससे पहले भी रिचलैंड काउंटी, विस्कॉसिंन के साथ एबरडीन, स्कॉटलैंड और स्वीडन के शहरों में भी हैकिंग की जिम्मेदारी ली थी। ओहियो में इससे पहले भी कई अन्य सरकारी वेबसाइट हैक हो चुकी हैं।

बीजिंग: चीन के एक समाचार पत्र ने कहा है कि अफगानिस्तान के साथ हवाई गलियारे में पाकिस्तान को नजरअंदाज करना और बीजिंग की संपर्क परियोजना का विरोध करना भारत की 'अड़ियल भूराजनीतिक सोच' का परिचायक है। समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक निबंध में सलाह देते हुए कहा है कि भारत को चीन के सदाबहार सहयोगी पाकिस्तान के साथ आर्थिक तथा व्यापारिक संबंध विकसित करना चाहिए, जहां बीजिंग अरबों डॉलर की लागत से आर्थिक गलियारे का विकास कर रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह भारत तथा अफगानिस्तान ने एक सीधे वाणिज्यिक हवाई मार्ग की शुरुआत की, जो पाकिस्तान से होकर नहीं गुजरता है। आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों पड़ोसी देशों के संबंध भारी तनाव के दौर से गुजर रहे हैं। पाकिस्तान, भारत तथा अफगानिस्तान के बीच स्थित है और इस्लामाबाद दोनों देशों के बीच कारोबार होने नहीं देता है। ग्लोबल टाइम्स के संवाददाता वांग जियामेई ने लेख में लिखा, “भारत तथा अफगानिस्तान ने पिछले सप्ताह एक हवाई माल ढुलाई गलियारा की शुरुआत की है, जो एक समर्पित मार्ग है, जिसे दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया है। इससे एक सवाल उठ खड़ा हुआ है : क्या भारत अफगानिस्तान के साथ व्यापार करने के लिए पाकिस्तान तथा अन्य मध्य एशियाई देशों को नजरअंदाज करेगा?” उन्होंने लिखा, “संपर्क का इस तरह का प्रयास न केवल क्षेत्रीय आर्थिक विकास में सक्रिय साझेदारी की भारत की इच्छा का संकेत देता है, बल्कि इसने उसके अड़ियल भूराजनीतिक सोच को भी उजागर किया है।”

बीजिंग: चीन ने आज कहा कि सिक्किम में नाथू ला दर्रे के जरिए कैलाश मानसरोवर यात्रा पर निकले 47 भारतीय श्रद्धालुओं को प्रवेश देने से इनकार करने के मुद्दे पर उसके और भारत के बीच बातचीत जारी है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग सुहांग ने संवाददाताओं से कहा, जहां तक मेरी जानकारी है दोनों सरकारें इस मुद्दे पर संपके में हैं हालांकि उन्होंने इस बाबत अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया कि प्रवेश देने से इनकार करने की वजह भूस्खलन और बारिश जैसे मौसम संबंधी मुद्दे हैं जिनकी वजह से चीनी अधिकारियों ने श्रद्धालुओं को भारत—चीन सीमा पर ही रोक दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों द्वारा इस मुद्दे पर चर्चा की जा रही है। चीन ने पिछले हफ्ते नाथू ला के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा पर निकले 47 भारतीय श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को प्रवेश देने से इनकार कर दिया था। श्रद्धालुओं को 19 जून को चीन के इलाके में प्रवेश करना था लेकिन खराब मौसम के कारण यह हो न सका और उन्हें आधार शिविर में ही रूकना पड़ा। इसके बाद उन्होंने 23 जून को फिर से उधर जाने की कोशिश की लेकिन चीन के अधिकारियों ने श्रद्धालुओं को इसकी इजाजत नहीं दी। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि नाथू ला के जरिए यात्रा में श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और भारत इस मुद्दे को चीन के समक्ष उठा रहा है। चीन के अधिकारियों का कहना है कि सड़कों की मरम्मत में कुछ और समय लगेगा और भारतीय श्रद्धालु यात्रा पर जल्द आगे नहीं बढ़ सकेंगे, ऐसे में यात्रा पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं। चीन के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें भारतीय श्रद्धालुओं की सुरक्षा की चिंता है इसीलिए उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया गया।

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