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वाशिंगटन: डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले के बाद सुरक्षा में लगी एजेंसी अब लोगों के निशाने पर है। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में रैली कर रहे थे, तभी उनके ऊपर फायरिंग हुई। गोली ट्रंप के कान से होते हुए निकल गई, गनीमत रही कि बड़ा नुकसान नहीं हुआ। अब लोग उनकी सुरक्षा में लगी 'सीक्रेट सर्विस' पर सवाल उठा रहे हैं। कई तो एजेंसी के डायरेक्टर से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं, क्योंकि रैली के दौरान भी सुरक्षा एजेंसी के एजेंट भी साथ ही थे। वहीं, किंबरली ए चीटल सीक्रेट सर्विस की डायरेक्टर हैं। उन पर ही सबसे ज्यादा सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि कई लोग दावे कर रहे हैं कि गोलीबारी से ठीक पहले सीक्रेट सर्विस को घटनास्थल पर संदिग्ध शख्स की मौजदूगी के बारे में बताया गया था, लेकिन इस पर कोई एक्शन नहीं हुआ।
1865 में शुरू हुई सीक्रेट सर्विस को डॉलर की जालसाजी को रोकने के लिए बनाया गया था। लेकिन 1901 में तत्कालीन राष्ट्रपति विलियम मैकिनले की न्यूयॉर्क में हत्या कर दी गई। इसके बाद सीक्रेट सर्विस को फेक करंसी का चलन रोकने के साथ राष्ट्रपति की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई।
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मॉस्को: ट्रंप पर हमले के कुछ घंटे बाद ही रूस ने इसके लिए बाइडन सरकार को जिम्मेदार ठहरा दिया। रूस का कहना है कि बाइडन सरकार ने ऐसा माहौल बना दिया है, जिसकी वजह से ट्रंप पर यह हमला हुआ। रूस के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि यह बाहर बैठे सभी समीक्षक जानते थे कि ट्रंप की जान को खतरा है।
हम जानते थे उनकी जान को खतरा है: रूस
बता दें कि रविवार को पेन्सिल्वेनिया में एक रैली के दौरान डोनाल्ड ट्रंप पर हमला हुआ। हालांकि इस हमले में ट्रंप की जान बाल-बाल बच गई और उन पर चलाई गई गोली कान छूकर निकल गई। इस हमले में रैली में मौजूद एक शख्स की मौत हो गई और दो अन्य लोग घायल हो गए। एफबीआई ने हमलावर की पहचान 20 साल के थॉमस मैथ्यू क्रुक्स के रूप में की है, जिसे मौके पर ही ढेर कर दिया गया। अभी तक हमले के पीछे की वजह का खुलासा नहीं हुआ है और इसकी जांच चल रही है।
रूसी प्रवक्ता ने कहा कि 'हम ये नहीं मानते कि ट्रंप पर जो हमला हुआ, उसके पीछे सरकार है, लेकिन ये जरूर है कि मौजूदा सरकार ने ऐसा माहौल बनाया है, जिसके चलते हमला हुआ और जिससे आज अमेरिका जूझ रहा है।'
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पेन्सिल्वेनिया: 13 जुलाई के दिन पेनसिल्वेनिया के बटलर में डोनाल्ड ट्रंप अपना चुनावी रैली कर रहे थे। अचानक से एक गोली की आवाज आई और वो ट्रंप के कान को छूते हुए निकल गई। इस बीच ट्रंप भी समझ गए थे कि उनके साथ अचानक क्या हुआ है। वह अपने कान को छूते है और उनका हाथ पूरा लहूलुहान हो चुका होता है।
जांचकर्ताओं का कहना है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और संभावित रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की हत्या की कोशिश की गई थी।
यह चौंकाने वाली घटना ऐसे समय पर हुई जब अमेरिका में इस साल के अंत में राष्ट्रपति पद के चुनाव होने वाले है।
रैली के दौरान ट्रंप सीमा पार करने वालों की संख्या का चार्ट दिखा रहे थे, तभी एक गोली की आवाज सुनाई दी। ट्रंप ने बाद में सोशल मीडिया पर कहा कि एक गोली 'मेरे दाहिने कान के ऊपरी हिस्से में लगी।'
अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि शूटर रैली में शामिल नहीं था और उसे यू.एस. सीक्रेट सर्विस एजेंटों ने मार गिराया। मीडिया में बताया गया है कि कानून प्रवर्तन ने घटनास्थल पर एक एआर-स्टाइल राइफल बरामद की।
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काठमांडू: नेपाल की राजनीति में बड़ी हलचल मच गई है। प्रधानमंत्री पुष्प कमल दलह प्रचंड ने इस्तीफा दे दिया है और के पी शर्मा ओली का नया पीएम बनना लगभग तय हो गया है। केपी शर्मा ओली ने नई सरकार का नेतृत्व करने का दावा पेश किया है। संसद में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने विश्वास मत खो दिया। दरअसल, सीपीएम-यूएमएल ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। 275 सदस्यों वाले हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव (एचओआर) में प्रचंड के विश्वास मत के खिलाफ 194 और समर्थन में 63 वोट पड़े। विश्वास मत हासिल करने के लिए 138 मतों की आवश्वयकता थी।
नेपाल के नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं केपी शर्मा ओली
पिछले ही सप्ताह पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल ने प्रचंड सरकार से समर्थन वापल ले लिया था। ओली और नेपाली कांग्रेस (नेकां) के नेताओं ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के शुक्रवार को होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले नई गठबंधन सरकार के गठन पर मंथन किया था।
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