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लखनऊ: वंदे भारत एक्सप्रेस के बाद अब देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस को पत्थरबाजों ने निशाना बनाया है। तेजस एक्सप्रेस अपने नियमित संचालन के पहले दिन ही पथराव का शिकार हो गई। लखनऊ यार्ड में इस ट्रेन पर सुबह पथराव होने से तीन शीशे चटक गए। हालांकि ट्रेन लखनऊ से चलकर कानपुर होते हुए नई दिल्ली रवाना हुई। रविवार को यह ट्रेन नियमित रूप से चली। समय से गई और समय से वापस आई। शुक्रवार को अपने उद्घाटन के दिन यह ट्रेन दिल्ली गई थी और शनिवार को वापस आई थी। पहले दिन ट्रेन में 700 से अधिक सीटों की बुकिंग हुई।

शनिवार को वापसी के बाद यह ट्रेन लखनऊ के यार्ड में खड़ी थी। रविवार सुबह 6:10 बजे लखनऊ से रवाना होने के पहले ही ट्रेन के यार्ड में पथराव हुआ। कोच के तीन विंडो शीशे चटके मिले हैं। पहले दिन 740 सीटें इस ट्रेन में बुक कराई गईं। यह ट्रेन कानपुर सेंट्रल सुबह 7:20 बजे से सात मिनट पहले 7:13 बजे आ गई। वापसी में यह ट्रेन अपने निर्धारित समय से दिल्ली से कानपुर पहुंची और लखनऊ रवाना हुई।

 

वंदेभारत में अब तक चलता है एस्कॉर्ट

वंदेभारत एक्सप्रेस चलने के तीसरे दिन से लेकर अब तक आरपीएफ का अतिरिक्त एस्कॉर्ट चलता है। इस ट्रेन पर 11 बार पथराव हो चुका है। हर बार पथराव के बाद आरपीएफ टीम गांवों में जाकर जागरूकता कैंप लगाती है। आरपीएफ प्रभारी पीके ओझा ने बताया कि वंदेभारत एक्सप्रेस की नियमित मॉनीटरिंग कराई जा रही है।   

एनसीआरएमयू ने किया था विरोध

तेजस एक्सप्रेस के उद्घाटन वाले दिन 4 अक्तूबर को कानपुर सेंट्रल पर एनसीआरएमयू के पदाधिकारियों ने विरोध किया था। रेल यूनियन के लोगों ने तेजस के सामने खड़े होकर नारेबाजी की थी। इनका कहना था कि रेल मंत्रालय 50 ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर चुका है। ऐसी सेवाओं का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा।

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