लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षकों के 69 हजार पदों पर भर्ती के लिए हुई 6 जनवरी की परीक्षा परिणामों को घोषित करने पर 28 जनवरी तक रोक रहेगी। सोमवार को लगभग दो घंटे चली बहस के बाद हाईकोर्ट ने फिलहाल यथास्थित बरकरार रखने का आदेश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी। इससे पहले उत्तर प्रदेश में सहायक शिक्षकों के 69 हजार पदों पर भर्ती की परीक्षा के क्वालिफाइंग मार्क्स को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के समक्ष चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने टिप्पणी की कि राज्य सरकार के अधिकारी भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न कराना भी चाहते हैं या नहीं। कोर्ट ने अपने पूर्व आदेशों और नियमों की अनदेखी पर कहा कि परीक्षा ही निरस्त कर देते, अगर लाखों अभ्यर्थियों के हितों का ख्याल न होता।
क्या है पूरा मामला
याचियों के अधिवक्ता अमित सिंह भदौरिया ने बताया कि दर्जनों याचियों की ओर से दाखिल अलग-अलग नौ याचिकाओं में सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 के क्वालिफाइंग मार्क्स को चुनौती दी गई।
उन्होंने बताया कि 7 जनवरी को राज्य सरकार ने जनरल कैटगरी के लिए क्वालिफाइंग मार्क्स 65 प्रतिशत जबकि रिजर्व कैटगरी के लिए 60 प्रतिशत रखने की घोषणा की है। याचिकाओं में कहा गया है कि विज्ञापन में ऐसे किसी क्वालिफाइंग मार्क्स की बात नहीं की गई थी। लिहाजा बाद में क्वालिफाइंग मार्क्स तय करना विधि सम्मत नहीं है। 6 जनवरी को लिखित परीक्षा हो गयी। जिसके बाद सरकार ने नियमों में परिवर्तन करते हुए क्वालिफाइंग मार्क्स तय कर दिये जबकि यह तय सिद्धांत है कि एक बार भर्ती प्रक्रिया आरम्भ होने के बाद नियमों मे परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
सरकार की ओर से याचिका का विरोध किया गया। याचियों की ओर से वरिष्ठ एलपी मिश्रा , एचजीएस परिहार , उपेंद्र मिश्रा आदि हाजिर हुए जबकि राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता श्रीप्रकाश सिंह व अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रणविजय सिंह ने पक्ष रखा।