लखनऊ: लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए यूपी की राह इस बार उतनी आसान होती नहीं दिख रही है। बसपा-सपा गठबंधन के बाद भाजपा के सामने एक और सिरदर्दी है। योगी सरकार में मंत्री और एनडीए में सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के मुखिया ओम प्रकाश राजभर ने भाजपा के खिलाफ बगावत तेज कर दी है। यूपी की सियासत में भाजपा के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान करते हुए ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अगर मोदी सरकार अपना वादा पूरा नहीं करती है तो वह सूबे की 80 सीटों पर अपने प्रत्याशियों को उतारेंगे।
एसबीएसपी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि 'भाजपा ने पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण में वर्गों को लागू करने का वादा किया था... चुनाव में 80 दिन रह गए हैं, आप कब करेंगे? अगर आप अपना वादा पूरा नहीं करते, तो हम सभी 80 सीटों पर लड़ेंगे और हम 25 फरवरी को प्रत्याशियों की सूची जारी कर देंगे।" दरअसल, ओपी राजभर ने बीते दिनों भाजपा को 100 दिनों का समय दिया है, ताकि वह फैसला कर सके कि उसे मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ना है या नहीं।
उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें दिए गए समय के भीतर कोई जवाब नहीं मिलता है तो उनकी पार्टी सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा, 'हम लोग भाजपा के साथ हैं। अगर भाजपा हमें साथ रखना चाहती है तो हम उनके साथ रहेंगे। अगर वे साथ नहीं रखना चाहते तो हम उन्हें पहले ही 100 दिन दे चुके हैं। 100 दिनों में जवाब नहीं मिला तो हम सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे।'
ओमप्रकाश राजभर ने तीन जनवरी को भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चेतावनी दी थी। उन्होंने दो टूक कहा था कि अगर प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण नहीं दिया गया तो उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग हो जाएगी। सुभासपा के अध्यक्ष ने कहा था, 'जब चुनाव नजदीक आता है तो भाजपा को सहयोगी दल याद आते हैं। इस बार बिल्ली मट्ठा भी फूंककर पीएगी।" सहयोगी दल पर दबाव बनाने की राजनीति संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा, "अन्य दल दबाव की राजनीति करते होंगे, हम नहीं करते हैं। हम भाजपा के किसी भी कार्यक्रम में इक्कीस महीने से नहीं गए। कार्यक्रम में तब जाऊंगा जब एनडीए की बैठक होगी और दोनों दलों का बैनर होगा, आमंत्रण पत्र मिलेगा।"
बता दें, केंद्र और उत्तर प्रदेश में भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) ने भी धमकी दी थी। अपना दल ने भाजपा को दो टूक कहा था कि या तो वे अपने सहयोगियों के साथ व्यवहार सुधारें या फिर पार्टी 'कोई भी निर्णय' ले सकती है। अपना दल-सोनेलाल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल ने लखनऊ में कहा था कि, ‘उनकी पार्टी वर्ष 2014 से भाजपा के साथ गठबंधन में है और पूरी ईमानदारी से गठबंधन धर्म का पालन का पालन कर रही है, लेकिन यूपी में उसे भाजपा ने उचित सम्मान नहीं दिया।'