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लखनऊ: लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी (बसपा)औरसमाजवादी पार्टी (सपा) के गठबंधन के बाद आरजेडी (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव मायावती और अखिलेश से मुलाकात करने के लिए लखनऊ पहुंचे हैं। तेजस्वी ने रविवार को बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने मायावती के पैर छूकर 'आशीर्वाद' लिया। इसके अलावा तेजस्वी ने सपा-बसपा गठबंधन पर अपनी खुशी जताई और कहा कि यूपी में भाजपा अब एक भी सीट नहीं जीत पाएगी। इसके बाद तेजस्वी आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव से लंच पर मुलाकात करेंगे।

मायावती से मुलाकात के बाद आरजेडी नेता तेजस्वी ने कहा, 'अब यूपी और बिहार से भाजपा का सफाया होगा। यूपी में भाजपा एक भी सीट नहीं जीत पाएगी। मायावती से हमें मार्गदर्शन मिले, हम यही चाहते हैं। इनसे हमें सीखने का मौका मिलता है। सपा-बसपा गठबंधन से लोगों में खुशी है। आज ऐसा माहौल है जहां वे बाबा साहेब के संविधान को मिटाना चाहते हैं और 'नागपुर के कानूनों' को लागू करना चाहते हैं। लोग मायावती जी और अखिलेश जी द्वारा उठाए गए कदम का स्वागत करते हैं। यूपी और बिहार में भाजपा का सफाया हो जाएगा।

वे यूपी में 1 सीट भी नहीं जीत पाएंगे, सभी सीटें सपा-बसपा गठबंधन को मिलेंगी।'

बता दें, इस मुलाकात से पहले तेजस्वी ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हम मायावती और अखिलेश यादव से एक शिष्टाचार मुलाकात करने आये हैं। सबसे छोटे हैं हम और सबका आशीर्वाद लेने आये हैं। उन्होंने कहा कि लालू जी ने यही कल्पना की थी कि उत्तर प्रदेश में भी महागठबंधन हो, मायावती और अखिलेश यादव मिलकर चुनाव लड़े। तेजस्वी ने कहा था कि जिस तरह से देश मे अघोषित इमरजेंसी लगाई गई है, संविधान से छेड़छाड़ की जा रही है आरक्षण को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। संवैधानिक संस्थाओं पर तानाशाही की जा रही है। जो काम मोहन भागवत ने कहा था वही मोदी जी कर रहे हैं।'

इसके साथ ही उन्होंने कहा था, 'हमारी मोदी जी से कोई लड़ाई नहीं है बस विचारों और सिद्धांतों की लड़ाई है जिसको हैं सभी साथ मिलकर लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि लालू जी आज इसलिए जेल में हैं, क्योंकि उन्होंने मोदी जी के आगे घुटने नही टेके। हमारी जब मूछ भी नही आई थी तब हमपर केस करा दिया गया था।'

मायावती और अखिलेश यादव ने शनिवार को एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सपा-बसपा के गठबंधन का ऐलान किया था। यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से दोनों 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस के लिए अमेठी और रायबरेली की सीटें छोड़ी गई हैं जबकि दो सीटें छोटे दलों के लिये आरक्षित की गई हैं। इसके एक दिन बाद कांग्रेस ने ऐलान किया कि वह सभी 80 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा कि वह उन सभी दलों को स्वागत करती है, जो भाजपा को हराने में हमारी मदद करने के लिए आगे आना चाहते हैं।

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