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इलाहाबाद: भूमि अधिग्रहण मामले में बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, नोएडा के बादलपुर गांव में जमीन अधिग्रहण मुक्त कराकर बेचने के आरोप में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। संदीप भाटी नाम के याचिकाकर्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में बसपा सुप्रीमो के खिलाफ याचिका दायर करके जमीन पर अवैध निर्माण की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी। इसी मामले में सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट याचिका को आज खारिज कर दिया। 2017 में कोर्ट ने मायावती के पिता और भाई को नोटिस जारी किया था। आरोप था कि 47433 वर्गमीटर कृषि योग्य जमीन को आबादी वाली जमीन बताकर करोड़ों के मुआवजे दिए गए हैं। इसी मामले में याची संदीप भाटी ने बसपा सुप्रीमो के खिलाफ याचिका करके सीबीआई जांच की मांग की थी।

आपको बता दे कि इससे पहले साल 2002 में बसपा सुप्रीमो मायावती ने ताज की खूबसूरती बढ़ाने के नाम पर 175 करोड़ रुपए की परियोजनाएं लॉन्च की थी। बसपा सुप्रीमो पर आरोप था कि पर्यावरण मंत्रालय से हरी झंडी मिले बगैर ही सरकारी खजाने से 17 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए थे।

2003 में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को पड़ताल करने के आदेश दिए। 2007 में सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर दी। सीबीआई की चार्जशीट में मायावती और नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ फर्जीवाड़े के गंभीर आरोप लगाए गए। बाद में जैसे ही मायावती सत्ता में वापस आईं, तत्कालीन राज्यपाल टीवी राजेश्वर ने इस केस में मुकदमा चलाने की इजाजत देने से मना कर दिया और सीबीआई की विशेष अदालत में चल रही कार्यवाही ठप हो गई।

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