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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार मदरसों के पठन-पाठन में गुणात्मक सुधार के अब वहां एनसीईआरटी का किताब अनिवार्य करने जा रही है। सत्र 2018-19 में बच्चों के हाथ में एनसीईआरटी की किताबें होंगी। ये किताबें हिन्दी, उर्दू और अंग्रेजी माध्यम में होंगी। सरकार के आदेश में बताया गया है कि इसका फायदा केवल मान्यता प्राप्त मदरसों को ही मिलेगा। यूपी मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार राहुल गुप्ता ने बताया कि सिलेबस की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया। अब मान्यता प्राप्त मदरसों में एनसीईआरटी की किताबों से शिक्षा दिलाई जाएगी।

उन्होंने बताया कि मौजूदा पाठ्यक्रम के दो भाग होते हैं जिसमें एक दीनी पाठ्यक्रम पहले की ही तरह रहेगा. गोरखपुर जनपद में 288 मदरसे मान्यता प्राप्त है जिनमें 10 अनुदानित हैं। रजिस्ट्रार ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से मदरसों में पढ़ रहे बच्चों का कक्षावार ब्योरा निधाज़्रित प्रारूप पर मांगा है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को विवरण उपलब्ध कराने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।

जिला अल्पसंख्यक अधिकारी संजय मिश्र ने बताया कि शुक्रवार को ही सभी मदरसों को निर्धारित प्रारूप पर पत्र प्रेषित कर पांच दिन में वितरण मांगा गया है। प्रदेश के मदरसों में हिन्दी, अंग्रेजी और विज्ञान विषयों के लिये माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश का पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है।

15 मई को उप्र मदरसा शिक्षा परिषद की बैठक लखनऊ में हुई थी. निणज़्य लिया गया कि सभी मदरसों में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी, हिन्दी, कम्प्यूटर विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान आदि शिक्षा को एकरूपता, समानता तथा उसका स्तर उन्नयन करने के उद्देश्य से एनसीईआरटी की उपलब्ध पाठ्य पुस्तकों को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाएगा।

समस्त मान्यता प्राप्त मदरसों में कक्षा 1 से 10 तक अध्ययनरत छात्रों की रुचि के अनुकूल अथवा मदरसे में दी जाने वाली शिक्षा के माध्यम के अनुसार भाषावार (उदूज़्, हिन्दी व अंग्रेजी माध्यम) वर्गीकरण करते हुए कक्षावार छात्र संख्या का आकलन निर्धारित प्रारूप पर एक सप्ताह के अंदर मांगा गया है। ताकि एनसीईआरटी से सम्पर्क स्थापित कर मांग पत्र के अनुसार आवश्यक पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा सके।

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