लखनऊ: यूपी में भाजपा के खिलाफ बना विपक्षी गठबंधन और मज़बूत हो रहा है। कैराना और नूरपुर में एसपी और राष्ट्रीय लोक दल ने सहमति से उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है, जिसमें कैराना से एसपी तो नूरपर में आरएलडी का उम्मीदवार लड़ेगा। आरएलडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दूबे ने कहा कि जयंत चौधरी जी की और अखिलेश यादव के बीच मुलाकात हुई है। दोनों लोगों के बीच बात हुई और हमारी भी जयंत चौधरी जी से बैठक के बाद बात हुई है।
उन्होंने कहा कि हम लोग उत्तर प्रदेश में जो लोकसभा का और विधानसभा का उपचुनाव है उसे मिलकर लड़ेंगे और 2019 में संयुक्त रूप से लड़ने की तैयारी है। समाजवादी पार्टी मुस्लिम, दलित और जाट वोट पर ध्यान लगाना चाहती है जो 9 लाख से ज्यादा हैं।
वहीं सपा के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने इस बैठक में हुई बातचीत के बारे में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही। हालांकि कैराना उपचुनाव में रालोद को मदद दिये जाने की सम्भावना के सवाल पर उन्होंने इतना जरूर कहा कि सपा कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा उपचुनाव लड़ने की तैयारी में पहले से ही लगी है।
उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम को दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में भेजा था। वहां उन्होंने कार्यकर्ताओं और टिकट के दावेदारों के साथ बैठक की और चार दिन पहले अपनी रिपोर्ट अखिलेश को दे दी।
उधर, रालोद के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मसूद अहमद ने भी जयन्त और अखिलेश के बीच बैठक में हुई बातचीत की जानकारी होने से इनकार किया। हालांकि यह जरूर कहा कि कैराना की जनता चाहती है कि गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में रालोद का प्रत्याशी उपचुनाव लड़े। इससे जाट और मुसलमानों के बीच भाईचारे पर मुहर लग जाएगी। कैराना के मुस्लिम नहीं चाहते कि कोई मुसलमान उपचुनाव लड़े, नहीं तो ध्रुवीकरण की स्थिति बन जाएगी। इस सवाल पर कि क्या जयन्त खुद कैराना लोकसभा उपचुनाव लड़ना चाहते हैं, मसूद ने कहा ‘अब जयन्त जी मिले हैं तो कोई बात है ही। हम तो चाहते हैं कि महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा जाए।’
मालूम हो कि रालोद कैराना लोकसभा उपचुनाव लड़ने की इच्छा पहले ही जता चुका है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने पिछले दिनों कहा था कि पार्टी ने कैराना में समाज के सभी वर्गों को जोड़ने के लिये काफी पहले से ही काम किया है, लिहाजा बेहतर होगा कि उसका ही कोई प्रत्याशी गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे।
कैराना का गणित
- मुस्लिम - 5.50 लाख वोटर्स
- दलित - करीब 2 लाख वोटर्स
- जाट - 1 लाख 75000 वोटर्स
- राजपूत- 75000 वोटर्स
- गुजर - 1.30 लाख वोटर्स
- कश्यप - एक लाख 20 हजार वोटर्स
- सैनी - एक लाख 10 हजार वोटर्स
- ब्राह्मण - 60000 वोटर्स
- वैश्य 55000 वोटर्स