नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (एसपी) सुप्रीमो अखिलेश यादव नए साल में ईवीएम के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ने का मन बना चुके हैं। अखिलेश इस दिशा में सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने की रणनीति तैयार कर रहे हैं। लोकसभा के लिए होने वाले उप-चुनावों में मतदान ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से कराने को लेकर 2018 के दूसरे हफ्ते में अखिलेश सर्वदलीय बैठक बुलाने जा रहे हैं।
लोकसभा के होने वाले उपचुनावों- गोरखपुर और फूलपुर में ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से मतदान कराने को लेकर अखिलेश ने मंगलवार को भी बैठक की। बैठक में पार्टी नेता बलराम यादव, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी एवं एस आर एस यादव शामिल हुए।
अखिलेश ने कहा कि निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव के प्रति जनता के मन में विश्वास होना चाहिए, लेकिन ईवीएम पर तमाम शंकाए हैं। इसलिए अब बैलेट पेपर से मतदान होना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'ईवीएम मशीनों से जनता का विश्वास टूटा है। चुनावों में कई जगह ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की शिकायतें आती रही हैं।
मतदान में कुल मतदाता संख्या और पड़े हुए मतों में अंतर की भी शिकायतें मिलीं। यह स्थिति जनतंत्र के लिए खतरे का संकेत है। इसलिए अब बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाना चाहिए।'
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी ने बताया, 'पार्टी मानती है कि आज देश में जिस एकाधिकार वाली राजनीति को बढ़ावा दिया जा रहा है, वह लोकतंत्र के लिए स्वस्थ लक्षण नहीं है। इस संबंध में विपक्ष के बीच साझा विचार होना समय की मांग है। इसीलिए विपक्ष के साथ निष्पक्ष एवं स्वतंत्र मतदान के लिए बैलेट पेपर की मांग को बल देने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है।'
चौधरी ने बताया कि अखिलेश यादव जनवरी के दूसरे सप्ताह में विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों की बैठक आहूत करेंगे। इस बैठक में लोकसभा के लिए होने वाले उपचुनावों में मतदान ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से कराने पर जोर दिया जाएगा।