नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यूपी सरकार को ताजमहल और इसके आसपास के पर्यावरण को सुरक्षित व संरक्षित रखने के लिए एक ऐसी सर्वागीण योजना बनाने को कहा जो इस ऐतिहासिक धरोहर को एक पीढ़ी के लिए नहीं बल्कि अगले 400 साल तक सहेज कर रख सके।
यह निर्देश जस्टिस मदन बी.लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने दिया। पीठ ने इसके साथ ही ताजमहल और इसके आसपास के पर्यावरण के संरक्षण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए और उठाए जाने वाले कदमों को 'तदर्थ' करार दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्मारक को महज किसी एक पीढ़ी के लिए नहीं बल्कि अगले 300 से लेकर 400 साल तक संरक्षित किया जाना चाहिए। अदालत ने तुषार मेहता की दलीलों के जवाब में कहा कि किसी नौकरशाही योजना की नहीं बल्कि एक सर्वागीण योजना बनाने की जरूरत है। कोई जल्दी नहीं है। अभी एक अंतरिम रिपोर्ट दी जा सकती है।
आपको जो चीज बनानी है, वह चार सौ सालों तक बनी रहने वाली है।