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लखनऊ: अयोध्या राम मंदिर विवाद को सुलझाने में लगे ऑर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने इस सिलसिले में आज (बुधवार) यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। यह मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है। अयोध्या विवाद को सुलझाने की दिशा में श्री श्री का यह महत्वपूर्ण कदम है।

इस मुलाकात के बाद रविशंकर ने कहा, 'औपचारिक मुलाकात के लिए आया था, मुख्यमंत्री से मुलाकात अच्छी रही, किसानों के मुद्दे पर बात हुई।' इसके अलावा राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा, 'अभी कोई प्रस्ताव नही भेजा है पक्षकारों को।' वहीं, गुरुवार (16 नवंबर) को श्री श्री रविशंकर अयोध्या दौरे पर जा रहे हैं। जहां वो रामलला के दर्शन करेंगे।

इसी के साथ आज दिनभर श्री श्री का बातों मुलाकातों का दौर जारी है। जिसमें श्री श्री रविशंकर ने मुस्लिम पक्षकारों शिया मौलाना यासूब अब्बास और सुन्नी मौलाना राशिद फिरंगी महली से फोन पर बात की है। इन पक्षकारों से श्री श्री की मुलाकात की आज संभावना है।

हालांकि फिलहाल दोनों धार्मिक गुरुओं का कहना है कि पहले श्री श्री रविशंकर यह बताएं कि विवाद सुलझाने के लिए उनके पास क्या फॉर्मूला है।

इसके बाद समझौता वार्ता के प्रभारी अमरनाथ मिश्र के घर श्री श्री रवि शंकर से मिलने बीजेपी सांसद विनय कटियार भी पहुंचे। इस बीच अमरनाथ मिश्रा ने कहा, ' जब तक भूमि पूजन नहीं होता। ये प्रयास जारी रहेगा।' उन्होंने कहा, 'मंदिर वहीं बनेगा जहाँ राम लला विराजमान है। क़ुरान की रोशनी में ये काम मुसलमान करेंगे। जन्म भूमि पे मंदिर ही बनेगा । राम लला को वहाँ से हटने नहीं देंगे।'

इस बैठक में मौलाना ख़ालिद मोहम्मद यूसुफ़ अज़ीज़ी, चेयरमेन ऑल इंडिया क्वोरा काउंसिल भी बैठक में मौजूद थे। इसके अलावा निर्मोही अखाड़े के राजा राम चंद्र महाराज भी श्री श्री से मिले। वहीं, दिगम्बर अखाड़े के महंत सुरेश दास ने भी श्री श्री से मुलाकात की और वार्ता के बाद बोले, 'श्री श्री के पहल अच्छी है, हम लोग संतुष्ट है।'

मुलाकात के बाद विनय कटियार ने कहा, 'अभी तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हम लोग, हाइकोर्ट ने राम जन्म भूमि मानकर कर दिया बंटवारा। अब लड़ाई राम जन्म भूमि की नहीं उसके बंटवारे के खिलाफ है। आपसी भाईचारे से हल निकालना सर्वोत्तम है।' उन्होंने कहा, 'श्री श्री और चक्रपाणि महाराज सकारात्मक प्रयास कर रहे हैं। राम मंदिर को लेकर शिया वक्फ बोर्ड का ही प्रस्ताव व्यवहारिक है।'

वहीं, हिन्दु महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चक्रपाणि महाराज ने कहा, 'श्री श्री रविशंकर द्वारा किये जा रहे प्रयास से मिलेगी सफलता। राम जन्म भूमि पर होगा मंदिर का निर्माण जबकि मस्जिद के निर्माण पर होगी अलग से बात।

अयोध्या मामले में मध्यस्थता कर रहे अमरनाथ मिश्रा ने कहा है, ' राम लला विराजमान की जगह भव्य मंदिर ही बनेगा। आरएसएस, विहिप, शिवसेना, हिन्दुमहासभा की देखरेख में बने मंदिर। इस समन्वय समिति के मुख्य प्रेणास्रोत होंगे श्री श्री रविशंकर। राम मंदिर राम लला के ही स्थान पर बनेगा।' उन्होंने कहा, 'मस्जिद अयोध्या में कहीं अलग बनाने की जगह तय करें मुस्लिम पक्षकार।'

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