नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और महादेव ऑनलाइन सट्टेबाज़ी के आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया किया है। राज्य के नेता और पुलिस अधिकारी प्रोटेक्शन मनी लेकर अवैध कारोबार में आरोपियों की मदद कर रहे थे। बहुचर्चित महादेव ऐप मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। लोकसभा चुनाव से पहले महादेव ऐप मामले में एफआईआर भूपेश बघेल की मुश्किलें खड़ी कर सकता है। इससे कांग्रेस को राजनैतिक नुक़सान हो सकता है।
पूर्व सीएम बघेल पर पुलिस के एफआईआर में आईपीसी के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी से संबंधित विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत आरोप लगाए गए हैं। इस एफआईआर में भूपेश बघेल के अलावा महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल समेत 16 अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार इस साल 8 और 30 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा राज्य पुलिस को दो रिपोर्ट भेजे जाने के बाद बघेल के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया। दरअसल, ईडी के रिपोर्ट में कहा गया है कि धन संरक्षण के बदले महादेव ऐप की अवैध गतिविधियों को अनुमति देने के लिए राज्य सरकार के शीर्ष स्तर के पदाधिकारियों की संलिप्तता के बारे में बताया गया है। पिछले साल नवंबर में वित्तीय अपराध जांच एजेंसी ने आरोप लगाया था कि चंद्राकर और उप्पल ने बघेल को ₹508 करोड़ की रिश्वत दी थी। वर्तमान में दोनों संयुक्त अरब अमीरात की देखरेख में हिरासत में हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के माध्यम से उनके प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध पहले ही संयुक्त अरब अमीरात भेजा जा चुका है।