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कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 वर्षीय ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में कोलकाता के सियालदह की एक सत्र अदालत आज अपना फैसला सुनाएगी। इस केस के बाद देशभर में गुस्सा था। सैकड़ों लोगों ने लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें मुख्य रूप से डॉक्टर और चिकित्साकर्मी शामिल थे।

कोलकाता पुलिस के सिविक वालंटियर संजय रॉय पर पिछले साल 9 अगस्त को सरकारी अस्पताल के सेमिनार हॉल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या करने का आरोप लगाया गया है। सियालदह अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास की कोर्ट में मुकदमा शुरू होने के 57 दिन बाद फैसला सुनाया जाएगा।

कोलकाता पुलिस से संबद्ध स्वयंसेवक संजय रॉय को इस अपराध में आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने उसे 10 अगस्त को गिरफ्तार किया था। सियालदह की अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत में इस मामले की सुनवाई 9 जनवरी को पूरी हुई। इस मामले में शनिवार को फैसला आ सकता है।

मां बोलीं- आधी-अधूरी जांच

मृत डॉक्टर की मां ने बताया कि संजय (रॉय) दोषी है और फैसला उसके खिलाफ होगा। लेकिन, बाकी अपराधियों का क्या जो अभी तक पकड़े नहीं गए हैं? मैं उन्हें खुलेआम घूमते हुए देख सकती हूं। मैंने उन्हें अस्पताल में घूमते हुए देखा है। तो, जांच आधी-अधूरी ही हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि जैविक साक्ष्यों से रॉय दोषी साबित हुआ है, लेकिन उनका मानना है कि प्रशासन अपराध में शामिल कई अन्य लोगों को बचा रहा है।

उन्होंने कहा कि सारे सबूत या तो खो गए या मिटा दिए गए। जब (तत्कालीन) पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने घटनास्थल का दौरा किया था तो वहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। यह मछली बाजार जैसा लग रहा था। घटनास्थल पर मौजूद रहे लोगों को सजा मिलनी चाहिए। शव मिलने के बाद सेमिनार कक्ष में बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी वाली कथित तस्वीरें सामने आई थीं।

माता-पिता ने उठाए सवाल

मृत चिकित्सक की मां ने कहा कि उन्हें अभी तक नहीं पता चला कि उनकी बेटी को इस तरह क्यों मारा गया। उसे ऐसा क्या पता चल गया था कि उसे जीने नहीं दिया गया?

ऐसी अटकलें हैं कि जूनियर डॉक्टर की हत्या इसलिए कर दी गई, क्योंकि उसे कुछ गोपनीय बातों का पता चल गया था, जिन्हें अधिकारी दबाकर रखना चाहते थे। मृत डॉक्टर की मां ने कहा कि वे बहुत सामान्य पृष्ठभूमि वाले लोग हैं। उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाने के लिए बहुत कुछ किया। वह एक प्रतिभाशाली और बुद्धिमान लड़की थी। उन्हें लगता है कि न्याय पाने के लिए उन्हें अभी लंबा रास्ता तय करना होगा। उनके दिन बेटी की तस्वीर के सामने रोते हुए बीत रहे हैं।

 

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