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नई दिल्ली: भारत ने शारीरिक रूप से दिवयांग खिलाड़ियों की चैंपियंस ट्रॉफी जीत ली है। टीम इंडिया ने फाइनल में इंग्लैंड को 79 रनों से रौंद कर खिताब पर कब्जा जमाया है। टी20 फॉर्मेट में खेली गई चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत ने पहले खेलते हुए 197 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था। इसके जवाब में इंग्लैंड की पूरी टीम 118 रनों पर सिमट गई और 79 रनों से मैच हार गई। टीम इंडिया के लिए बैटिंग में योगेन्द्र भदौरिया ने हाफ-सेंचुरी लगाई, वहीं गेंदबाजी में राधिका प्रसाद ने सबसे ज्यादा 4 विकेट झटके।

योगेन्द्र भदौरिया ने 40 गेंद में 73 रनों की तूफानी पारी खेली

भारत ने इस मैच में टॉस जीतकर पहले बैटिंग चुनी थी। योगेन्द्र भदौरिया 40 गेंद में 73 रनों की तूफानी पारी में 4 चौके और 5 छक्के लगाए। उन्होंने 182.50 के ताबड़तोड़ स्ट्राइक रेट से बैटिंग करते हुए इंग्लैंड के गेंदबाजों को बैकफुट पर ला दिया था। बाकी कसर गेंदबाजी में राधिका प्रसाद ने पूरी कर दी, जिन्होंने 3.2 ओवर में मात्र 19 रन देकर 4 विकेट लिए। उनके अलावा विक्रांत केनी ने भी 2 विकेट लिए।

खुशी से फूले नहीं समा रहे भारतीय कप्तान

भारतीय टीम के कप्तान विक्रांत केनी ने इस ऐतिहासिक जीत पर खुशी व्यक्त करके कहा, "अपनी कप्तानी में इस बेहतरीन टीम के साथ पीडी (फिजिकली डिसएबल्ड) चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीतना मेरे करियर के सबसे गौरवपूर्ण लम्हों में से एक है। प्लेऑफ मुकाबलों ने दिखा दिया कि हमारी टीम में टैलेंट भरा पड़ा है और खिलाड़ियों में लड़ने की कितनी भूख है। प्रत्येक खिलाड़ी ने इस ऐतिहासिक जीत में अपना खास योगदान दिया है।"

हेड कोच ने भी की तारीफ

भारत की शारीरिक रूप से दिव्यांग टीम के हेड कोच रोहित झलानी ने भी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, "पूरे टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों बेहिसाब जोश दिखाया। उन्होंने सभी तरह की परिस्थितियों से तालमेल बैठाकर हर चुनौती का डटकर सामना किया। हमारे ट्रॉफी जीतने से ज्यादा खास बात यह है कि टीम बहुत बढ़िया तरीके से खेली।"

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