ग्वालियर (जनादेश ब्यूरो): कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के ‘‘सच्ची स्वतंत्रता’’ वाले बयान को लेकर उनसे गुरुवार को माफी मांगने की मांग की।
भागवत ने सोमवार को कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश को सच्ची स्वतंत्रता इसी दिन मिली।
सिंह ने भागवत पर भगत सिंह जैसे शहीदों का अनादर करने का आरोप लगाया और कहा कि आरएसएस ने ब्रिटिश राज का समर्थन किया था। सिंह ने दावा किया कि आरएसएस नेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जिन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी, बंगाल में मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन सरकार में मंत्री रहे थे। आरएसएस प्रमुख की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘उन्होंने लाखों-करोड़ों लोगों की भावनाओं का अनादर किया है। यह भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और गणेश शंकर विद्यार्थी का अपमान है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी।’’
सिंह ने कहा, ‘‘मोहन भागवत जी ने स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान किया है और उन्हें माफी मांगनी चाहिए।’’ उन्होंने दावा किया, ‘‘जब संविधान को अपनाया गया था, तब आरएसएस ने इसका खुलकर विरोध किया था। इसकी प्रतियां जला दी थीं। उन्हें यह याद नहीं है।’’
अपनी आजादी के इतिहास को इस तरह भूलना ठीक नहीं: ममता बनर्जी
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के विवादित बयान पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, "...अपनी आजादी के इतिहास को इस तरह भूलना ठीक नहीं है...मुझे लगता है कि यह कहना खतरनाक बात है...इसे वापस लिया जाना चाहिए। हमारी आजादी अमर रहे। हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों का जश्न मनाना चाहिए। इतने सारे युवाओं ने अपनी जान दी। क्या वे इस तरह देश का पूरा इतिहास भूल जाएंगे? तब देश की पहचान क्या होगी? ऐसा लगता है कि वे भारत का नाम भी भूल जाएंगे। क्या यह सही है? मुझे लगता है कि यह गलत है। इंडिया, हिंदुस्तान, भारत हमेशा रहेगा। हमें स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस पर गर्व है। मैं उनकी कड़ी निंदा करती हूं...हम देश के लिए समर्पित हैं, हम अपनी आजादी को बरकरार रखने के लिए समर्पित हैं। हम देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने के लिए तैयार हैं लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करने वाले हैं।